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Rajasthan: कोर्ट ने सीएम भजनलाल को मिली अग्रिम जमानत रद्द कराने के लिए पेश प्रार्थना पत्र किया खारिज

कोर्ट ने सीएम को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

REJECTED THE APPLICATION,  GOPALGARH RIOT CASE
कोर्ट ने पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. (ETV Bharat jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

जयपुरःजिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 ने गोपालगढ़ दंगा प्रकरण में सीएम भजनलाल शर्मा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. सांवरमल चौधरी ने अग्रिम जमानत की शर्त की अवहेलना कर अदालत की अनुमति के बिना विदेश जाने का आरोप लगाते हुए यह प्रार्थना पत्र पेश किया था. पीठासीन अधिकारी अनामिका सारण ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में यह साबित नहीं है कि प्रार्थी का कोई हित जुड़ा हो या वह एफआईआर दर्ज कराने वाला हो. वह न तो मामले में पीड़ित है और ना ही उसे किसी प्रकार का नुकसान या उसका हित प्रभावित हुआ हो. ऐसे में उसे प्रार्थना पत्र पेश करने का अधिकार नहीं है, इसलिए प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाता है.

यह कहा गया प्रार्थना पत्र मेंःप्रार्थना पत्र में कहा गया था कि गोपालगढ़ दंगा प्रकरण में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर कई साल पहले आरोप पत्र पेश कर दिया है. इस एफआईआर में भजनलाल शर्मा ने अग्रिम जमानत के लिए अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया था. जिसे अदालत ने 10 सितंबर, 2013 को स्वीकार कर सशर्त अग्रिम जमानत दी थी. अग्रिम जमानत आदेश में शर्त लगाई गई थी कि भजनलाल बिना अदालत की अनुमति देश से बाहर नहीं जाएगें. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि भजनलाल शर्मा जमानत की शर्त का उल्लंघन कर बिना अनुमति विदेश चले गए हैं और अभी भी विदेश में ही हैं. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि भजनलाल अब प्रदेश के सीएम बन गए हैं और केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है.

पढ़ेंः सीएम भजनलाल शर्मा को अदालत ने दी विदेश जाने की सशर्त अनुमति

प्रार्थना पत्र किया खारिजःअदालती आदेश की अवहेलना करने का तथ्य सामने लाने की जिम्मेदारी अभियोजन पक्ष की थी, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में अग्रिम जमानत को निरस्त कर उन्हें अभिरक्षा में लिया जाए. प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए सीएम की ओर से अधिवक्ता अश्विनी बोहरा ने कहा कि प्रार्थना पत्र दायर करने वाला निजी व्यक्ति है और उसके किसी अधिकार का हनन नहीं हुआ है, इसलिए प्रार्थना पत्र खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि वर्ष 2011 में गोपालगढ़ में हुई हिंसा के बाद भजनलाल शर्मा, जाहिदा खान व अन्य स्थानीय थाने पहुंचे थे. मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी से बचने के लिए जाहिदा खान, जमशेद खान, प्रमोद शर्मा, जवाहर सिंह बेढम, केसरी सिंह, गिरधारी तिवारी और भजन लाल शर्मा सहित अन्य ने वर्ष 2013 में अग्रिम जमानत अर्जियां पेश की थी. इस पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ दिया था.

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