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जबलपुर में नौवीं क्लास के बच्चे के साथ रैगिंग, निर्वस्त्र कर नाबालिग छात्रों ने पीटा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 6:55 PM IST

Jabalpur Student Ragging: जबलपुर जिले में एक नौवीं क्लास के छात्र के साथ रैगिंग की घटना सामने आई है. छात्र ने अपने ही क्लासमेट पर निर्वस्त्र कर मारपीट करने का आरोप लगाया है.

Jabalpur Student Ragging
जबलपुर में नौवीं क्लास के बच्चे के साथ रैगिंग

जबलपुर में नौवीं क्लास के बच्चे के साथ रैगिंग

जबलपुर।जिले के ग्वारीघाट की पोली पाथर में एक निजी स्कूल में नौवीं क्लास के बच्चे के साथ रैगिंग का मामला सामने आया है. बच्चों के परिजनों ने इस मामले की शिकायत जबलपुर के ग्वारीघाट पुलिस थाने में की है. इस मामले में तीन बच्चों का नाम सामने आया है. इन्होंने पीड़ित बच्चों के कपड़े उतार कर उसके साथ मारपीट भी की है. फिलहाल पुलिस इसे शरारत और रैगिंग दोनों ही नजर से देख रही है.

नौवीं क्लास के बच्चे के साथ रैगिंग

जबलपुर के सेंट लाइसेंस पोली पाथर में पढ़ने वाले नौवीं क्लास के एक बच्चे ने अपने माता-पिता को इस बात की जानकारी दी कि वह स्कूल गया था, तब स्कूल में तीन बच्चों ने उसके साथ रैगिंग की. उसके पूरे कपड़े उतार दिए और उसके बाद उसके साथ मारपीट भी की गई.

मामला पुलिस तक पहुंचा

बच्चों के साथ घटी घटना की जानकारी पहले परिजनों ने स्कूल प्रबंधन को दी. बाद में इस घटना की शिकायत जबलपुर के ग्वारीघाट पुलिस थाने में भी की गई है. जबलपुर के एडिशनल एसपी कमल मौर्य ने बताया कि लड़के का पेंट उतर गया था और उसके साथ मारपीट की गई थी. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, क्योंकि तीनों ही बच्चे नाबालिग हैं और अभी नौवीं क्लास में पढ़ रहे हैं. इसलिए उनकी बहुत अधिक उम्र नहीं है. ऐसे में इस घटना को सीधे रैगिंग से जोड़ना सही नहीं होगा, हो सकता है कि इन बच्चों ने कोई शरारत की हो, लेकिन फिर भी पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. उन बच्चों के बयान लिए जा रहे हैं. इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने बात करने से मना कर दिया है.

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कम उम्र में घटी ऐसी घटनाएं खतरनाक

कम उम्र में बच्चों के साथ घटी ऐसी घटनाएं उनके दिमाग पर गहरा असर छोड़ती हैं. मनोविज्ञानिक का कहना है कि नाबालिग उम्र में बच्चों के साथ यदि यौन दुर्व्यवहार होता है, तो उसे भी जीवन भर नहीं भूल पाते, इसलिए इस मामले में स्कूल प्रशासन और पुलिस को गंभीरता बरतनी चाहिए. हालांकि जिन बच्चों ने यह शरारत की है उनकी उम्र भी कम है. इसलिए उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई उनके जीवन भी बर्बाद कर सकती है. स्कूलों में सामान्य तौर पर ऐसी घटनाएं तब घटती हैं जब बच्चे शिक्षकों की निगाहों से दूर रहते हैं.

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