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जबलपुर में एक ऐसा 'सरकारी कार्यालय', जहां बनते हैं हर प्रकार के फर्जी दस्तावेज - JABALPUR FAKE DOCUMENTS

जबलपुर के घमापुर चौक पर एक दुकान पर दो एसडीएम के साथ टीम ने छापा मारा. यहां हर प्रकार के सरकारी दस्तावेज बनाए जाते थे.

Jabalpur fake documents
जबलपुर में एमपी ऑनलाइन की दुकान पर फर्जीवाड़ा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 6:28 PM IST

जबलपुर :जबलपुर के दो एसडीएम की टीम ने मिलकर जबलपुर के घमापुर चौक पर चल रहे एक फर्जी 'सरकारी कार्यालय' पर छापा मारा. इस कार्यालय में वे सभी दस्तावेज बनाए जा रहे थे, जो तहसीलदार और एसडीएम कार्यालय से बड़ी मशक्कत के बाद बन पाते हैं. छापे की खबर सुनते ही फर्म का मालिक फरार हो गया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने मलिक एसोसिएट नाम की इस दुकान को सील कर दिया है. दुकान से बरामद कागजातों की जांच की जा रही है.

एमपी ऑनलाइन की दुकान पर छापा

कार्रवाई में मलिक एसोसिएट के संचाालक तो नहीं मिले हैं लेकिन मौके पर कई ऐसे संदिग्ध कागजात मिले हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि यहां एक फर्जी सरकारी कार्यालय चलाया जा रहा था. जिसमें कई सरकारी दस्तावेज बनाए जा रहे थे. सामान्य तौर पर आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े हुए दाखिला खारिज, मूल निवासी प्रमाण पत्र, राशन कार्ड जैसे कागजात तहसील या एसडीएम कार्यालय से बनाए जाते हैं. लेकिन ये सभी दस्तावेज यहां आसानी से बनवाए जा सकते हैं.

रांझी एसडीएम रघुवीर मरावी (ETV BHARAT)

छापा पड़ते ही दुकान संचालक रफूचक्कर

हाल ही में जबलपुर जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी. इसमें बताया गया कि जबलपुर के घमापुर चौक पर मलिक एसोसिएट्स नाम की एक दुकान है. यहां ये सभी सरकारी कागज फीस देने के बाद बना दिए जाते हैं. इस शिकायत के बाद जबलपुर के अधारताल और रांझी एसडीएम की टीम ने मिलकर छापा मारा. एसडीएम रघुवीर सिंह मरावीने बताया "उन्हें इस दुकान पर कई ऐसे आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जिनसे यह आरोप स्पष्ट हो रहा है कि इस दुकान पर सरकारी कागजात बनाए जाते थे लेकिन दुकान के मालिक अभी यहां मौजूद नहीं हैं. इसलिए दुकान को बाहर सील किया जा रहा है और मालिक की खोजबीन की जा रही है."

अब तक कितने फर्जी दस्तावेज बन चुके होंगे

एसडीएम का कहना है इस प्रकार के फर्जी कागजात तैयार करने वाले को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत सजा दी जाती है. इसलिए यदि इस मामले में आरोप सही पाए जाते हैं तो मलिक एसोसिएट्स के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी. सवाल यह है कि मलिक एसोसिएट ने अब तक कितने लोगों के इस तरह की फर्जी दस्तावेज बनाए हैं. यह भी जांच का विषय है. हो सकता है कि बहुत से लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हों.

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