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जबलपुर में 10 साल से निकल रही है अनोखी तिरंगा यात्रा, नर्मदा की लहर की चुनौती को पार करते हैं देशभक्त - Jabalpur Narmada Tiranga Yatra - JABALPUR NARMADA TIRANGA YATRA

बीते 10 वर्षों की तरह इस बार भी जबलपुर में उफनती नर्मदा नदी में तिरंगा यात्रा निकाली गई. यह यात्रा 6 किलोमीटर लंबी होती है. इसमें शामिल होने वाले सभी कुशल तैराक होते हैं. एक हाथ में झंडा लेकर दूसरे हाथ की मदद से तैरते हुए यात्रा पूरी करते हैं. प्रशासन की तरफ से सुरक्षा का पूरा इंतजाम रहता है.

JABALPUR NARMADA TIRANGA YATRA
नर्मदा नदी में निकाली गई तिरंगा यात्रा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 9:40 PM IST

जबलपुर: स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले जबलपुर में अनोखी तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस तिरंगा यात्रा में 100 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. सभी लोगों ने नर्मदा नदी में जिलहरी घाट से हाथ में तिरंगा थाम कर तिलवारा घाट तक तैर कर यात्रा पूरी की. यह तिरंगा यात्रा हर साल 14 अगस्त को निकाली जाती है. इसकी कुल दूरी 6 किलोमीटर होती है. प्रशासन ने तैराकों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया था.

नर्मदा नदी में 100 से अधिक तैराकों ने निकाली यात्रा (ETV Bharat)

यात्रा की लंबाई 6 किलोमीटर होती है

देश भर में जगह-जगह तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है. लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर की तिरंगा यात्रा सबसे अलग है. यहां नर्मदा नदी में पिछले 10 साल से कुशल तैराक एक हाथ में तिरंगा झंडा लेकर उफनती नर्मदा नदी में तैरते हुए जाते हैं. यात्रा की लंबाई 6 किलोमीटर होती है. इसमें 70 साल के बुजुर्ग से लेकर कई बच्चे भी शामिल होते हैं. सभी तैरने में माहिर होते हैं जिससे वो लबालब भरी नदी में इतनी लंबी दूरी आसानी से तय कर लेते हैं.

लगातार 10 सालों से निकल रही है यात्रा (ETV Bharat)

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लगातार 10 सालों से निकल रही है यात्रा

यात्रा निकालने वाले तैराकों का 'नित्य तैराक मंडल' नाम से एक ग्रुप है. यह यात्रा जबलपुर के जिलहरी घाट से शुरू होकर तिलवारा घाट तक जाती है. इसमें शामिल ज्यादातर लोग एक हाथ में तिरंगा लेकर तैरते हुए आगे बढ़ते हैं. हालांकि यह यात्रा बेहद खतरनाक है. क्योंकि इन दिनों नर्मदा में जल स्तर बढ़ा हुआ होता है. लेकिन इसके बावजूद यह सभी कुशल तैराक इस यात्रा में हिस्सा लेते हैं. प्रशासन द्वारा सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाते हैं. इनके साथ में कई नाव भी चलती हैं. बीते 10 सालों से यह यात्रा लगातार चल रही है और अच्छी बात है कि इसमें अभी कोई हादसा नहीं हुआ है.

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