जबलपुर: जस्टिस एस ए धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने प्रदेश में नीट पीजी काउंसिलिंग से जुड़े सीट मैट्रिक्स के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. साथ ही अंतिम आदेश तक एनआरआई कोटे से सीट भरने पर रोक लगा दी है. ये रोक उस याचिका की सुनवाई में लगाई गई है, जिसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे की सीट सिर्फ 8 ब्रांच को आवंटित किए जाने को चुनौती दी गई थी.
विशेष ब्रांच में एनआरआई आरक्षित सीटें बढ़ा देने का आरोप
भोपाल निवासी डॉ. ओजस यादव की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया था कि नीट ने एनआरआई की मेरिट लिस्ट तैयार की थी. प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे के तहत 15 प्रतिशत सीट प्रदान की जाती है. मेडिकल कॉलेज की 22 ब्रांच होती हैं. लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा एनआरआई कोटे की सीट सिर्फ 8 ब्रांच में आवंटित की गई है, जिससे इनमें से कुछ ब्रांचों में 40 से 50 प्रतिशत सीटें एनआरआई को आवंटित हो गई हैं. वहीं, अन्य छात्रों में इन ब्रांचों की मांग अधिक है. लेकिन इन छात्रों के लिए अब सीट कम हो गई है.
8 ब्रांच में 152 सीट एनआरआई को आवंटित
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने तर्क दिया गया कि निर्धारित ब्रांच में एनआरआई कोटे की सीट अधिक आवंटित किए जाने के कारण मेरिटोरियस छात्रों का हक प्रभावित होगा. क्योंकि उनके लिए सीटों की संख्या कम हो गई है. 8 ब्रांच में कुल 545 सीट हैं, जिसमें से 152 सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गई है.