जबलपुर:मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 53 प्रजातियों के वृक्षों की कटाई व परिवहन पर रोक हटाने के मामले में दायर याचिका पर जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की ओर से चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ को बताया गया कि इस मामले में दायर याचिका को इंदौर खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. जबलपुर हाई कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई बड़ी बेंच में करने का आदेश दिया है.
"पेड़ों की कटाई व परिवहन पर रोक क्यों नहीं", MP हाई कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी सुनवाई - MP HIGH COURT
मध्यप्रदेश में पेड़ों की कटाई और परिवहन पर सरकार द्वारा बैन हटाने के मामले में हाई कोर्ट गंभीर है. सुनवाई जारी है.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Dec 5, 2024, 12:41 PM IST
जबलपुर के गढा निवासी विवेक कुमार शर्मा और एक अन्य व्यक्ति की तरफ से दायर अलग-अलग याचिका में कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा सितम्बर 2015 में जारी अधिसूचना के माध्यम से वृक्षों की 53 प्रजातियों को काटने के अलावा मध्य प्रदेश परिवहन (वनोपज) नियम, 2000 के नियम 4(2) का प्रावधान भी हटा दिया गया है. इसके परिणामस्वरूप निजी भूमि पर स्थित वृक्षों को काटने या परिवहन करने के लिए कोई अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. लोगों द्वारा इसके उपयोग के लिए अधिक वृक्षों को काटने से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ेगा.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया
पेड़ों को काटने व परिवहन पर रोक नहीं होने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ने से मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडता है. ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार व हस्ताक्षेपकर्ताओं की तरफ से युगलपीठ को ये जानकारी दी गई. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ध्यान नहीं दिया. जबलपुर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद इंदौर हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश की वैधानिकता पर बड़ी बेंच बेंच द्वारा सुनवाई करने का आदेश जारी किया. याचिका पर अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की.