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शादी के कार्ड पर पानी डालते ही बन जाएगा पौधा, बाप बेटी ने बना डाला ईको फ्रेंडली मैरिज कार्ड - JABALPUR ECO FRIENDLY WEDDING CARD

मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बेटी ने पिता के प्यार को देखते हुए ईको फ्रेंडली शादी का कार्ड बनाया. जानिए शादी कार्ड की खासियत.

JABALPUR ECO FRIENDLY WEDDING CARD
शादी के कार्ड पर पानी डालते ही बन जाएगा पौधा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 3:41 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 4:44 PM IST

जबलपुर: शादी के सीजन में कई तरह के शादी के कार्ड देखने को मिलते हैं, लेकिन इस बार संस्कारधानी जबलपुर में एक अनोखा और पर्यावरण के अनुकूल इको फ्रेंडली शादी का कार्ड बनाया गया. यह कार्ड न केवल आकर्षक और स्टाइलिश है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहा है. इस कार्ड्स की खासियत यह है कि पानी में डालने पर ये तुलसी के पौधे या अन्य पौधों में बदल जाता हैं.

इस कार्ड को कृषि के क्षेत्र में पढ़ाई कर रही दुल्हन शुभाषनी दुबे ने कृषि वैज्ञानिक पिता रजनीश दुबे के साथ मिलकर इस सोच के साथ बनाया है कि शादी की खुशियों के साथ पर्यावरण सुरक्षा में भी योगदान हो."

यूनिक ईको फ्रेंडली शादी कार्ड (ETV Bharat)

कृषि क्षेत्र में पढ़ाई कर रहीं शुभाषनी

26 नवंबर को परिणय सूत्र में बंधने जा रही शुभाषनी दुबे कृषि के क्षेत्र में पढ़ाई कर रही है. शुभाषनी पढ़ाई के साथ-साथ ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए भी लोगों को जागरुक कर रही है. उन्हें इसकी प्रेरणा अपने पिता से मिली है. शुभाषनी के पिता रजनीश दुबे पिछले 37 वर्षों से पंडित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए काम कर रहे है और हाल ही में ही 6 माह पहले सेवा निवृत्त हुए हैं.

ईको फ्रेंडली कार्ड (ETV Bharat)

शादी का कार्ड बनेगा पौधा

इस कार्ड को शुभाषनी दुबे ने अपने पिता के साथ मिलकर तैयार किया है. इस कॉर्ड को हैंडमेड पेपर और वेजिटेबल इंक से तैयार किया है. जिसमें किसी रासायनिक पदार्थ का उपयोग नहीं हुआ है. इसे बनाने में केवल 60 रुपए का खर्च आया है. कार्ड को पानी में 12 घंटे तक रखने के बाद यह पौधों के रूप में अंकुरित होगा. इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और समाज में जागरूकता फैलाना है.

कार्ड पर पानी डालते ही बन जाएगा पौधा (ETV Bharat)

पर्यावरण को देखते हुए बनाया शादी का कार्ड

शुभाषनी दुबे कृषि के क्षेत्र में पढ़ाई कर रही है. कृषि वैज्ञानिक बनना चाहती है "शुभाषनी" अपने पिता को पर्यावरण के प्रति काम करते हुए बचपन से देखा है. यही वजह है कि मैंने भी इस ओर कदम रखा है. वह भी कृषि के क्षेत्र में रिसर्च कर रही है. शुभाषनी दुबे कहती है कि 'यह कार्ड पर्यावरणीय दृष्टिकोण से पूरी तरह से सुरक्षित है. इसे बनाने में कोई रासायनिक रंग या प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं.'

जबलपुर दुबे पर परिवार की पहल (ETV Bharat)

शादी के कार्ड से बन जाएगा तुलसी का पौधा

रजनीश दुबे, जो पिछले कई दशकों से ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए काम कर रहे हैं. इस पहल को लेकर बहुत उत्साहित हैं. उनका मानना है कि इस तरह के कार्ड्स से पर्यावरण संरक्षण के महत्व को लोगों तक पहुंचाना काफी महत्वपूर्ण है. "हमारा उद्देश्य है कि इस छोटे से कदम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित किया जाए." रजनीश दुबे कहते हैं कि जैसे-जैसे तुलसी का पौधा बड़ा होगा. लोग उसमें पानी डालेंगे, वैसे-वैसे उनकी दुआएं उनकी बेटी और दामाद को लगेंगी.' यह कार्ड समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने और हरित वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक अनूठा कदम है. इसकी चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है और यह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन रहा है.

Last Updated : Nov 26, 2024, 4:44 PM IST

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