जबलपुर. जबलपुर शहर का नाम बदलने को लेकर फिर चर्चाएं तेज हो चुकी है. जबलपुर महापौर जगत बहादुर अन्नु (Jabalpur mayor) की अध्यक्षता में नगर निगम की बैठक में जबलपुर के नाम का प्रस्ताव बना लिया गया है. जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह (Jagat Bahadur Singh Annu) ने बताया कि जबलपुर के नाम को ऋषि जाबालि के नाम पर बदलने का प्रस्ताव नगर निगम ने पारित कर लिया है. वहीं अब जबलपुर को ऋषि जाबालि के नाम पर जाबालिपुरम करने के लिए जन प्रतिनिधि और साधु संत मिलकर राज्य सरकार के पास प्रस्ताव लेकर जाएंगे.
जबलपुर का नाम जाबालिपुरम क्यों?
जबलपुर शहर का नाम बदलने को लेकर महापौर जगत बहादुर सिंह का तर्क है कि जबलपुर का नाम ऋषि जाबालि के नाम पर था, जिसे बदल दिया गया था.जब भगवान राम वनवास से लौटे थे तब वे इसी धरती पर ऋषि जाबालि से मिले थे. ऐसे में जबलपुर शहर को उसके सही नाम जाबालिपुरम (Jabalipuram) से ही पहचाना जाना चाहिए. बता दें कि रामायण के अयोध्याकाण्ड में वर्णन मिलता है कि भरत के साथ जाबालि ऋषि भी वन गए थे और वहां उन्होंने श्रीराम को वन से वापस आने के लिए मनाने का प्रयत्न किया था.
साधु संतों से साथ सीएम से मिलेंगे महापौर
पिछले दिनों बीजेपी में शामिल हुए महापौर जगत बहादुर सिंह का कहना है कि वे जबलपुर के साधु संतों के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने जाएंगे. वे जबलपुर मेयर इन काउंसिल के फैसले के बारे में उन्हें अवगत करवाएंगे और सरकार से सामने ये प्रस्ताव रखेंगे. जगत बहादुर सिंह ने आगे बताया कि जबलपुर का नाम बदलने का सुझाव पहले भारतीय जनता पार्टी की पूर्व महापौर सुशीला सिंह ने रखा था. हालांकि उस समय यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया लेकिन अब वे इसे पारित कर रहे हैं और जल्द ही जबलपुर का नाम जाबालिपुरम करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.