बीकानेर: दीपावली पर चारों ओर दीपक जलाए जाते हैं, हालांकि सभी घरों में दीपावली के अलावा प्रतिदिन पूजा घर में दीपक जलाए जाने का प्रचलन है. दीपक जलाना बहुत ही शुभ होता है. मान्यता है कि इसे जलाने से कई तरह के कष्ट दूर होते हैं. दिवाली पर तेल का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न हो जाती है और आर्थिक तंगी दूर होती है. प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास कहते हैं कि दीपावली के मौके पर दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
ग्रहों के अनुसार डालें दीपक में तेल:व्यास कहते हैं कि रोजाना चाहे किसी भी तेल का दीया जलाएं, लेकिन दिवाली पूजन के समय एक दीपक जलाकर आप कई कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि पूजा करते समय तिल का दीपक जलाया जाए तो घर की सारी बाधाएं दूर हो जाती है. इसके साथ ही जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है, वह प्रबल हो जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति प्रबल नहीं है तो उस जातक को पूजा करते समय तिल तेल का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति प्रबल हो जाती है. इसके साथ ही जातक के अंदर आत्मविश्वास की बढ़ोतरी होगी.
पढ़ें: दीपावली पर क्यों मनाया जाता है दीपोत्सव ?, जानिए घी और तेल के कितने जलाएं दीपक
ऐसी मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति कमजोर है तो जातक को पूजा करते समय तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. यह बेहद फायदेमंद रहता है. इससे कुंडली में मंगल ग्रह के प्रभाव को कम किया जा सकता है. ये भी कहा जाता है कि जो जातक अपने घर में तिल के तेल का दीपक जलाता है, उसके घर के चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जाओं का वास रहता है.
अलसी का तेल है लाभदायक: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली पर अलसी के तेल का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न हो जाती है. आर्थिक तंगी भी जल्द ही दूर होने लगती है. दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय उनके सामने घी और तेल दोनों के दीपक जलाए जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के सामने बाईं ओर घी का और दाईं ओर तेल का दीपक जलाना चाहिए. भगवान के दाहिने हाथ यानी अपने बाएं हाथ पर घी का दीपक जलाना चाहिए. अगर तेल के दीपक की बात करें तो तिल के तेल का दीपक भगवान के बाएं हाथ की ओर यानी अपने दाहिने हाथ की ओर जलाना चाहिए. घी का दीपक सफेद खड़ी बत्ती से जलाना चाहिए, इस प्रकार की बत्ती को फूल बत्ती भी कहा जाता है. तेल के दीपक की बाती लंबी होनी चाहिए. किसी भी पूजा का विशेष फल पाने के लिए अगर आप तिल के तेल का दीपक जलाते हैं तो उसके साथ लाल या पीली रोशनी भी लगानी चाहिए. पूजा के दौरान जलाया गया दीपक बीच में नहीं बुझना चाहिए और इस दीपक को हमेशा भगवान की मूर्ति के सामने रखना चाहिए. दिवाली या नियमित पूजा में कभी भी टूटे हुए दीपक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.