वाराणसी:इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव चरम पर है. दोनों ओर से युद्ध जारी है. इजरायल में तमाम भारतीय छात्र भी रहते हैं. युद्ध के बीच वे भी फंसे हैं. इनमें से ही एक बीएचयू के शोध छात्र प्रज्जवल प्रताप सिंह भी हैं, जो हाल ही में भारत लौटे हैं. युद्ध के बीच लोगों की जिंदगी वहां कैसी है, इसकी आंखों देखी प्रज्जवल बयां करते हैं. कहते हैं, इजरायल में युद्ध जीवन का हिस्सा बन गया है. जान बचाने के लिए सिर्फ डेढ़ मिनट मिलते हैं, जबकि आप अपने घर से काफी दूर रहते हैं.
इस साल जुलाई में गए थे इजरायल:काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह 22 जुलाई 2024 को इजराइल में तेल अवीव यूनिवर्सिटी पोस्ट फोलेशिप के लिए गए थे. अभी भारत लौटे हैं. उन्होंने इजरायल के हालात और भयावह स्थिति के बारे में बताया. बताया कि किस तरह से लोग अपने रोज के काम निपटाते हैं और कैसे हमेशा डर के साये में जीते हैं.
खुद को बचाने के लिए मिलते हैं डेढ़ मिनट:काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह बताते हैं कि, इजरायल में रहने वाले लोगों के लिए युद्ध जीवन का एक हिस्सा बन गया है. वहां के लोग नौकरियों पर जा रहे हैं. मॉल खुले हुए हैं. मगर एक बात जो है, वो ये कि सायरन बजने के बाद लोगों को खुद को बचाने के लिए डेढ़ मिनट का समय मिलता है. वहां की सरकार ने लोगों के मोबाइल फोन में एक ऐप डाउनलोड करवाया है. वे लोग जो भारत से इजरायल गए हुए हैं, वे यह सब देखकर डरते हैं.