देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय मार्गों पर बढ़ते सड़क हादसों का एक बड़ा कारण रफ्तार है, जिस पर अब उत्तराखंड का परिवहन विभाग लगाम लगाने जा रहे है. पहाड़ों में वाहनों की गति सीमा को निर्धारित के लिए उत्तराखंड परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है.
दरअसल, उत्तराखंड परिवहन विभाग ने सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) फरीदाबाद के साथ एमओयू साइन किया है. एमओयू के तहत ट्रायल बेसिस पर आईआरटीई ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच यानी 110 किलोमीटर लंबी सड़क का अध्ययन करेंगा. अध्यन के बाद आईआरटीई स्पीड लिमिट तय करेंगा. उत्तराखंड परिवहन विभाग का प्रयाय है कि वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाकर सड़क हादसे में कमी लाई जा सके.
उत्तराखंड में हाल ही कुछ सड़कों हादसों ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है. बीते दिनों रुद्रप्रयाग में हुए टेंपो ट्रैवलर हादसे में 15 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ समय पहले उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि ऐसा कोई मेकैनिज्म तैयार किया जाए, जिससे सड़क हादसे में कमी आ सके.
इसी क्रम में परिवहन आयुक्त कार्यालय ने आईआरटीई के साथ एमओयू साइन किया है. इसके तहत पहले चरण और ट्रायल बेसिस पर ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच 110 किलोमीटर लंबी सड़क पर ट्रैफिक दबाव, सड़क की चौड़ाई, सुरक्षा उपाय, सड़क की ढलान के साथ ही पहले हो चुके हादसों के आधार पर अध्ययन करेगी.