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Delhi: फरवरी 2025 तक तैयार होगा आईपी यूनिवर्सिटी का इंडोर स्टेडियम, इन खेलों को मिलेगा बढ़ावा - INDORE STADIUM IN IP UNIVERSITY

-स्टेडियम में 800 लोगों के बैठने की होगी व्यवस्था. -कई खेलों के लिए सुविथाएं होंगी उपलब्ध.

आईपी यूनिवर्सिटी
आईपी यूनिवर्सिटी (etv bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 3, 2024, 6:48 PM IST

नई दिल्ली: आईपी यूनिवर्सिटी के द्वारका कैम्पस में बन रहा इंडोर स्टेडियम फरवरी 2025 तक तैयार हो जाएगा. 20 करोड़ की लागत से बन रहे इस स्टेडियम का 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 3,750 वर्ग मीटर में बन रहे इस स्टेडियम में बैडमिंटन के दो कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट, वालीबॉल कोर्ट, टेबल टेनिस कोर्ट, स्क्वॉश कोर्ट, इत्यादि की खेल सुविधाएं होंगी. वहीं बैडमिंटन कोर्ट को मैपलवुड की अत्याधुनिक लकड़ी से तैयार किया जा रहा है. पूरी तरह सेंट्रली एयरकंडीशंड इस स्टेडियम में 800 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसके बनने से इस यूनिवर्सिटी के दो कैंपस और सौ से ज्यादा संबद्ध कॉलेजों के छात्रों को खेलने की अत्याधुनिक सुविधाएं मिल पाएंगी.

यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो. डॉ. महेश वर्मा ने कहा कि हम मूलतः तकनीकी एवं पेशेवर विश्वविद्यालय होने के बावजूद स्पोर्ट्स कल्चर को प्रमोट कर रहे हैं. इस कड़ी में इस साल से दाखिले में स्पोर्ट्स कोटा भी शुरू किया गया है. हर खेल के लिए कोच रख रहे हैं, ताकि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी परचम लहराएं.

1998 में की गई थी स्थापना:बता दें कि आईपी यूनिवर्सिटी दिल्ली सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय है. यूनिवर्सिटी का एक परिसर पूर्वी दिल्ली में संचालित है. इसकी स्थापना 28 मार्च, 1998 को की गई थी और प्रोफेसर के. के. अग्रवाल पहले कुलपति बनाए गए थे. विश्वविद्यालय का नाम प्राचीन और पौराणिक शहर इंद्रप्रस्थ, के नाम पर रखा गया था. बाद में 2001 में इसका औपचारिक नाम सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के नाम पर रखा गया.

पहले थे चार केंद्रीय विश्वविद्यालय:वर्ष 1997 में दिल्ली में चार केंद्रीय विश्वविद्यालय थे. दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय थे. दिल्ली विश्वविद्यालय एक मात्र अन्य कॉलेजों को संबंध करने वाला विश्वविद्यालय था. उस समय दिल्ली विश्वविद्यालय कोई भी नया महाविद्यालय खोलने या राजकीय महाविद्यालयों को सम्बद्ध करने की स्थिति में नहीं था.

दिल्ली के छात्रों के लिए सीटें की गईं थी आरक्षित: इसलिए दिल्ली विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों पर आवश्यकता से अधिक छात्रों से पड़ रहे बोझ को कम करने के लिए इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय का निर्माण किया गया था. विश्वविद्यालय की 85 प्रतिशत सीटें, दिल्ली के छात्रों के लिए आरक्षित की गई थीं. इस आरक्षण से छात्रों को काफी राहत मिली, क्योंकि उन्हें अन्य राज्यों में दाखिले के लिए जाने की जरूरत नहीं थी.

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