पटनाः पर्यावरण के प्रति जागरूकता को लेकर 3 जुलाई को इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक बैग इस्तेमाल नहीं करने के लिए जागरूक करना है. हालांकि प्लास्टिक बैग पर रोक लगे दो साल हो गए लेकिन इसका इस्तेमाल खत्म नहीं हुआ. सरकार इसपर रोक लगाने में नाकामयाब रही. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर में कब और कैसे इसपर रोक लगाया जाएगा?
क्या है प्रावधान? देश में 1 जुलाई 2022 से पॉलीथीन कैरी बैग और सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गया. प्रावधान के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक कैरी बैग या 100 माइक्रोन से कम पतला प्लास्टिक के साथ पकड़े जाने पर जुर्माना होगा. आम लोगों के लिए ₹500 से ₹2000 तक जुर्माना है. औद्योगिक स्तर पर इस्तेमाल होने पर ₹20000 से लेकर ₹100000 तक का जुर्माना. 5 साल की जेल अथवा जेल या दोनों का प्रावधान है.
पूरी तरह प्रतिबंध नहींः बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय नगर निकाय प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने में विफल रहा है. राज्य के बड़े-बड़े मॉल और कुछ बाजारों में प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग जरूर बंद हो गया है. लेकिन तमाम प्रकार के सब्जी मंडी, फल मंडी और मोहल्ले के राशन दुकानों में पॉलीथीन कैरी बैग धरल्ले से उपयोग में है.
खुलेआम इस्तेमाल हो रहे प्लास्टिक बैगः दुकानदार सामान को पॉलीथीन में ही बेच रहे हैं. ग्राहक भी सामान को पॉलीथीन कैरी बैग के साथ ही लेना पसंद कर रहे हैं. पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित फल मंडी हो या सभी मोहल्ले के राशन दुकान में प्लास्टिक कैरी बैग खुलेआम प्रचलन में है. प्रशासनिक अमले से जुड़े हुए लोग भी प्लास्टिक कैरी बैग में ही सामान खरीद रहे हैं.
प्लास्टिक प्रतिबंध है लेकिन इसको लेकर क्या कानून है इसके बारे में लोगों में जानना चाहिए. प्रशासन की नाक के नीचे प्रतिबंधित प्लास्टिक सरेआम उपयोग किया जा रहे हैं. प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी तभी प्लास्टिक का प्रयोग रुक सकेगा.-राणा कुमार, पटना वासी
कौन है जिम्मेवार? प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो बिहार में पॉलीथीन के इस्तेमाल पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी स्थानीय नगर निकायों की है लेकिन स्थानीय नगर निकाय के अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर अभियान चलाया जाता है और जुर्माना भी लगाया जाता है. दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के लिए पॉलीथीन का उपयोग करते हैं. लोगों का साफ साफ कहना है कि सरकार को उत्पादन पर रोक लगाना चाहिए. जब उत्पादन नहीं होगा तो लोग दुकानदार खरीदना बंद कर देंगे. साथ ही लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है.