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उदयपुर के 95 वर्षीय डॉक्टर करवा रहे पिरामिड तरीके से ध्यान, कई बीमारियों से मिलती है निजात! - International Day of Yoga - INTERNATIONAL DAY OF YOGA

Pyramid Meditation, योग न केवल शारिरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी स्थिरता प्रदान करता है. आज के दौर में कई देश योग की तरफ बढ़े हैं. ईटीवी भारत पर जानिए उदयपुर के 95 साल के डॉक्टर के बारे में, जो लोगों को पिरामिड मेडिटेशन करवा रहे हैं.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (Etv Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 20, 2024, 11:38 AM IST

Updated : Jun 20, 2024, 2:31 PM IST

पिरामिड तरीके से ध्यान (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर.21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. हर साल इस दिन को एक खास थीम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम 'महिला सशक्तिकरण के लिए योग' है. जीवन में योग एक स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली को प्रोत्साहित करता है. आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में केवल ध्यान और योग ही मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे मन में सकारात्मक विचारों का संचार होता है. उदयपुर के अलकापुरी में अनोखा मालती कुमारी चुंडावत पिरामिड ध्यान केंद्र है, जहां पर आने वाले लोगों को अद्भुत शांति का अनुभव होता है. पिरामिड ध्यान दूसरे ध्यान से काफी अलग होता है. इस ध्यान का अभ्यास पिरामिड स्ट्रक्चर यानी एक पिरामिड संरचना के बीच किया जाता है.

पिरामिड के अंदर की संरचना (ETV Bharat Udaipur)

यह विशेष ध्यान केंद्र :डॉक्टर ए. एस चुंडावत बताते हैं कि ये स्ट्रक्चर पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड और कॉस्मिक एनर्जी के बेहतरीन ट्रांसमीटर माने जाते हैं. पिरामिड संरचना के तहत मेडिटेशन का अभ्यास ही पिरामिड मेडिटेशन कहलाता है. पिरामिड मेडिटेशन के नियमित अभ्यास करने से स्वास्थ्य में अच्छा अनुभव के साथ ही बेहतर ऊर्जा महसूस होती है. डॉक्टर चुंडावत कहते हैं कि वो खुद डॉक्टर हैं, लेकिन मानसिक अवसाद सहित अन्य ऐसी कई बीमारियां हैं, जिनका मेडिकल साइंस में इलाज नहीं है, लेकिन ध्यान व योग से मनुष्य अपने आप को स्थिर कर सकता है.

पिरामिड संरचना में होता है अभ्यास (ETV Bharat Udaipur)

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इन बीमारियों से मिलता निजात :डॉक्टर ए. एस चुंडावत बताते हैं कि हर विचार शरीर पर प्रभाव डालता है. उदाहरण के लिए जब हमारे मस्तिष्क में प्रसन्नता का विचार आने लगता है तो मस्तिष्क 'डोपेमाइन' नामक रसायन छोड़ती है. जब हम तनाव में होते हैं तब हमारी एड्रिनल ग्रंथि कोर्टिसोल नामक हार्मोन छोड़ती है, जो हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है. ध्यान से तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स जैसे कोर्टिसोल का स्तर घट जाता है व रक्त नलिकाएं चौड़ी हो जाती हैं. इससे DHEA (De-Hydro- Epi- Androsterone) का स्तर बढ़ जाता है, जो डायबिटीज, बीपी, देखने व सुनने की क्षमता हड्डियां आदि की बीमारियों को ठीक करता है. इसमें Endorphin का स्तर बढ़ जाता है, जिससे दर्द से मुक्ति मिलती है.

पिरामिड मेडिटेशन (ETV Bharat Udaipur)

शरीर में नई ऊर्जा का संचार :योग प्रशिक्षक डॉक्टर भूपेंद्र शर्मा बताते हैं कि डॉ. एस चुंडावत ने अपने घर पर 25 लाख की लागत से पिरामिड ध्यान केंद्र का निर्माण कराया है. यहां पर शहर वासी आकर नि:शुल्क ध्यान साधना कर सकते हैं. हर पूर्णिमा को ध्यान केंद्र पर भूपेंद्र शर्मा के मार्गदर्शन में लोग ध्यान करते हैं. ध्यान करने पहुंचे लोगों ने बताया कि यहां करीब आधा घंटे ध्यान करने से आत्मा को शांति मिलने के साथ ही शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है. पूरी तरह से पिरामिड तरीके से बनाया गया सेंटर सुकून भी देता है.

ध्यान करते लोग (ETV Bharat Udaipur)

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ध्यान लोगों को आत्म चेतना से जोड़ता है :उन्होंने बताया कि राजस्थान का यह पहला पिरामिड सेंटर होगा जहां इस अनूठे अंदाज में ध्यान किया जाता है. डॉक्टर ए. एस चुंडावत जिन्होंने केंद्र की शुरुआत की थी, इनकी उम्र 95 साल है. उन्होंने उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में 30 साल तक सेवाएं दी. इसके बाद उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान में भी उन्होंने कई वर्षों तक अपनी सेवाएं दी. अब मेडिटेशन के माध्यम से लोगों को शांति और सुकून दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि भाग दौड़ की जिंदगी में आज लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन जिंदगी में ध्यान एकमात्र माध्यम है जो लोगों को आत्म चेतना से जोड़ता है.

Last Updated : Jun 20, 2024, 2:31 PM IST

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