जयपुर.प्रदेश में हर दिन कोरोना के नए संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. सोमवार को भी सात नए पॉजिटिव मरीज सामने आए, जिसके चलते अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 62 हो गई है. इनमें सबसे ज्यादा 35 एक्टिव केस अकेले उदयपुर में है. इसके बाद राजधानी जयपुर का नाम आता है, जहां 19 एक्टिव केस हैं. कोरोना के इन बढ़ते मामलों मौसमी बीमारियों और अन्य व्यवस्थाओं को सुधारने के मद्देनजर एसीएस हेल्थ ने अब 15 से 29 फरवरी तक चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही चिकित्सा संस्थानों को बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.
जैयपुरिया अस्पताल का किया निरीक्षण :आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सभी चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया जा रहा है. इस क्रम में सोमवार को ही आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक नेहा गिरी ने जैयपुरिया अस्पताल का निरीक्षण किया. इससे पहले एसीएस हेल्थ शुभ्रा सिंह खुद महिला अस्पताल का निरीक्षण करने जा पहुंची थी. वहीं सोमवार को एसीएस ने प्रदेशभर में 15 फरवरी से 29 फरवरी तक सघन निरीक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिए. साथ ही निरीक्षण के दौरान लक्ष्य के अनुरूप बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने और उनमें सुधार नहीं होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.
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बर्दाश्त नहीं होगी लापरवाही :उन्होंने चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण और 100 दिवसीय कार्य योजना को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य चिकित्सा संस्थानों का सिर्फ निरीक्षण करना नहीं है, बल्कि वहां मिलने वाली सुविधाओं में सुधार कर आमजन को ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाना है. सिर्फ बड़े अस्पतालों का ही नहीं, निचले स्तर तक चिकित्सा संस्थानों का भी निरीक्षण किया जाए. चिकित्सा संस्थानों में साफ-सफाई के लिए क्यू आर कोड सिस्टम को प्राथमिकता के साथ शुरू किया जाए. बायोमैट्रिक उपस्थिति और सुरक्षा की दृष्टि से सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित किया जाए. लेबर रूम और टॉयलेट्स साफ-सुथरे हों, ताकि संक्रमण का खतरा ना रहे. इसके अलावा सैनेटरी नेपकिन के सुरक्षित डिस्पोजल को लेकर आईईसी एक्टिविटी चलाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
शुभ्रा सिंह ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में आरएमआरएस कोष का सदुपयोग करने के साथ ही भामाशाहों और एनजीओ का भी सहयोग लिया जा सकता है. साथ ही स्वास्थ्य मेलों के आयोजन आवश्यक रूप से करने, कैंसर स्क्रीनिंग के कार्य को प्राथमिकता देने, भवन रहित चिकित्सा संस्थानों के लिए भूमि चिन्हीकरण और निर्माण कार्यों को गति देने के निर्देश दिए. इस दौरान बताया गया कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए रैंकिंग सिस्टम भी विकसित किया गया है. साथ ही निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.