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अनुज गुप्ता के चुनाव लड़ने पर पाबंदी मामला, राज्य सरकार तीन सप्ताह में जवाब करेगी पेश - Mussoorie Municipality President

Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट ने मसूरी नगर पालिका के निवर्तमान निर्दलीय अध्यक्ष अनुज गुप्ता पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाने के मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और नगरपालिका को तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं.

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उत्तराखंड हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 24, 2024, 9:39 PM IST

Updated : Jul 24, 2024, 10:34 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगर पालिका मसूरी के निवर्तमान निर्दलीय अध्यक्ष पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार की ओर से जारी 2 जुलाई 2024 के संसोधन आदेश पर अगली तिथि तक रोक लगाते हुए राज्य सरकार सहित नगरपालिका से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है.

मामले के अनुसार मसूरी के निवर्तमान निर्दलीय अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान नगर पालिका ने उन्हें वित्तीय अनियमितता करने को लेकर 16 अगस्त 2023 को अपना पक्ष रखने के लिए एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसका उत्तर उन्होंने कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही दे दिया था. 1 दिसंबर 2023 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया और सरकार ने प्रशासक नियुक्त कर दिया. राज्य सरकार ने 25 जून 2024 को एक अधिसूचना जारी कर नगरपालिका अधिनियम की धारा 48 में संसोधन करके उन्हें चुनाव लड़ने से पांच साल के लिए बाहर करने को लेकर उन्हें 48 A का , 2 जुलाई 2024 को नोटिस दे दिया.

साथ ही यह भी कहा कि यह संसोधन तब से लागू होगा, जब से उन्हें कारण बताओ नोटिस मिला है. याचिका में कहा गया कि उन पर यह संसोधन लागू नहीं होता, क्योंकि उनका कार्यकाल 1 दिसंबर 2023 को समाप्त हो गया था और कारण बताओ नोटिस अगस्त 2023 में दिया गया था, जिसका उत्तर वे कार्यकाल समाप्त होने से पहले दे चुके हैं. वे किसी पार्टी से नहीं है, सामाजिक छवि अच्छी होने के कारण निर्दलीय जीते थे. ये उनके खिलाफ राजनैतिक दुर्भावना है, ताकि वे आगे चुनाव न लड़ सकें. उनके द्वारा कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की गई, इसलिए 2 जुलाई 2024 के आदेश पर रोक लगाई जाए.

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Last Updated : Jul 24, 2024, 10:34 PM IST

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