चंडीगढ़: लोहड़ी के त्योहार को पंजाब समेत हरियाणा और चंडीगढ़ में धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं कुछ संस्थान इस त्योहार को समाज सेवा के रूप में भी अपने तौर-तरीकों से मनाते हैं. ऐसे ही एक संस्थान ने आज चंडीगढ़ सेक्टर 11 स्थित 'अपना घर' नामक एक कोठी में कैंसर और हीमोफीलिया की बीमारी से ग्रस्त मरीजों और उनके परिजनों के साथ लोहड़ी को धूमधाम से मनाया. यहां मरीज और उनके पारिवारिक सदस्य कुछ देर के लिए बीमारी और परेशानियों को भूलकर गीत गाते देखे गए.
पांच राज्यों के मरीजों का सहारा 'अपना घर': समाज सेवा के रूप में मरीजों का सहारा बना अपना घर में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार के मरीज ठहरे हुए हैं. न केवल बड़े, बुजुर्ग और महिलाएं अपने इलाज के लिए ठहरी हैं, बल्कि कैंसर की चपेट में फंसे एक बच्चे के साथ भी उसके परिजन यहां ठहरे हुए हैं. ईटीवी भारत ने सभी मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत कर उनका हाल जाना. साथ ही उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
मरीजों ने कहा 'अपना घर' से चिंता दूर हुई: ईटीवी भारत ने लगभग प्रत्येक मरीज और उनके पारिवारिक सदस्यों से बात की तो उन्होंने बताया कि अपना घर में आकर उन्हें बड़ी राहत मिली है. क्योंकि चंडीगढ़ जैसे महंगे शहर में इलाज पूरा होने तक उनके ठहरने से लेकर खान-पान और ट्रांसपोर्ट की उनकी चिंता को अपना घर ने दूर कर दिया है. यहां हाल ही में पहुंचे मरीजों से लेकर 2 साल से ठहरे हुए मरीज भी मिले.
कम्युनिटी किचन में एक साथ पकाते हैं खाना:इस घर को 'अपना घर' कहने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां ठहरे हुए मरीजों के परिजन एक साथ एक ही कम्युनिटी किचन में स्वयं खाना बनाते हैं. मरीज के तीमारदारों का जो कुछ पकाने का दिल करता है, वे कम्युनिटी किचन में उसे पका कर एक दूसरे को परोसते हैं और स्वयं भी भोजन करते हैं. हालांकि 'अपना घर' नामक इस कोठी के पहले और दूसरे फ्लोर पर दो रसोई हैं. इनमें से पहले फ्लोर पर कम्युनिटी किचन हैं, जबकि दूसरे फ्लोर की रसोई में माइक्रोवेव ओवन और अन्य सामान रखा है, ताकि कोई अपने लिए चाय या गर्म पानी समेत कोई अन्य चीज गर्म करना चाहे तो वह इस रसोई में कर सकता है.
चिकित्सा केंद्र तक ट्रांसपोर्ट की सुविधा: मरीजों का बड़ा सहारा बने 'अपना घर' के संचालकों में कल्याण सिंह राठौर के मार्गदर्शन में टीम के सदस्य दीपक, विनय और भव्या हर पहर मरीजों व उनके परिजनों को देखभाल कर रहे हैं. जब कभी भी किसी मरीज को चिकित्सा केंद्र जाना-आना करना होता है तो इसके लिए प्रबंधकों द्वारा ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी दी जा रही है.