इंदौर.इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना का फर्जी तरीके से लाभ लेने के लिए संस्था की प्राचार्य ने खुद ही बच्चियों की उम्र को कम दर्शाने वाला बोन टेस्ट सर्टिफिकेट जारी कर दिया. इसके अलावा फर्जी आधार कार्ड पर महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने अपात्र बच्चों के लिए भी योजना की राशि जारी कर दी. खास बात यह है कि तमाम बच्चों की राशि जिस खाते में आई वह खाता भी युगपुरुष धाम का ही बताया गया है.
कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिंह यादव ने सप्रमाण दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए बताया कि इंदौर के युगपुरुष धाम ने रहने वाले जो दिव्यांग और मानसिक रूप से कमजोर बच्चे जो ठीक से चल और बोल भी नहीं पाते उन बच्चों के नाम पर संस्था के संचालकों ने न केवल बैंकों में खाते खुलवाए बल्कि बच्चों के नॉमिनी भी खुद बन गए. इसके अलावा इन बच्चों के नाम से राशि जारी करने के लिए जो आधार पंजीयन कराए गए वह भी संदिग्ध हैं.
परियोजना अधिकारी पर ये आरोप
इस मामले में अब महिला एवं बाल विकास विभाग कटघरे में है. राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में परियोजना अधिकारी रामनिवास बुधौलिया की भूमिका संदिग्ध है. उन्होंने ही इस संस्था को एक करोड़ 25 लाख रुपए का अनुदान दिलवाया था और बच्चों की मौत के कुछ दिन पहले ही संस्था और वहां की व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट श्रेणी का बताया था. अब संस्था प्राचार्य से उन्होंने ही मिली भगत करके शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया है.प्रदेश कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शासन प्रशासन को एफआईआर दर्ज कराना चाहिए.
परियोजना अधिकारी ने कहा- ऐसा नहीं हो सकता
इधर इस मामले में जब विभाग के इंदौर कार्यालय में पड़ताल की गई तो विभाग के संबंधित कर्मचारियों का कहना है कि युगपुरुष धाम के बच्चों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिया गया है. हालांकि इसके बारे में विस्तृत जानकारी परियोजना अधिकारी ही दे पाएंगे. वहीं इंदौर जिले के परियोजना अधिकारी रामनिवास बुधोलिया का कहना है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना की राशि गलत तरीके से जारी नहीं की जा सकती, ना की गई है. फिर भी इस मामले में रिकॉर्ड देखकर ही कुछ कहा जा सकता है.