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"बेटे नहीं रहे, हमेशा जीवित देखने की चाहत" एक्सीडेंट में मृत दो युवकों के परिजन इमोशनल - INDORE ROAD ACCIDENT

इंदौर में गुरुवार आधी रात भीषण सड़क हादसे में दोपहिया सवार दो छात्रों की मौत हो गई.

Indore road accident
दोपहिया सवार दो छात्रों की मौत (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 12:40 PM IST

इंदौर:शहर के खजराना थाना क्षेत्र के स्टार चौराहे पर गुरुवार देर रात भीषण सड़क हादसा होने से दो युवकों की मौत हो गई. इससे पहले हादसे में गभीर रूप से घायल हुए दोनों युवकों को पीछे से आ रहे परिजन एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि घायलों को तुरंत इलाज नहीं मिला. वहीं परिजनों ने पुलिस से आग्रह किया "मेरे बेटे तो दुनिया से चले गए लेकिन इनके अंग किसी के काम आ सकें, इसलिए अंगदान करवा दें."

डिवाइडर से टकराया दोपहिया वाहन

खजराना क्षेत्र में रहने वाले युवक अंश और तनिष्क अपने साथियों के साथ बायपास स्थित एक ढाबे पर पार्टी करने के लिए गए थे. अंश की बहन की सगाई होने की खुशी में पार्टी दी गई. पार्टी खत्म होने के बाद अंश व तनिष्क अपने दो पहिया वाहन से निकले. इनके पीछे अन्य दोस्त आ रहे थे. इसी दौरान पीछे से आ रहे परिजनों ने देखा कि स्टार चौराहे पर अंश और तनिष्क रोड पर खून से लथपथ पड़े हैं. उनका दोपहिया वाहन डिवाइडर से टकराया था.

पुलिस से अंगदान की गुहार लगाते परिजन (ETV BHARAT)

परिजनों ने किया युवकों के अंगदान करने का आग्रह

इसके बाद परिजन दोनों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले गए. परिजनों का कहना है " दोनों को जब गंभीर घायल अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंटे तो हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू नहीं किया." इस बीच सूचना पाकर अन्य परिजन भी मौके पर पहुंच गए. परिजनों ने मौके पर मौजूद एसीपी से गुहार लगाई "हम लोग अपने बच्चों को हमेशा जीवित देखना चाहते हैं. इसलिए इनके शरीर के अंगों को डोनेट करवा दिया जाए." बता दें कि अंश ग्राफिक्स डिज़ाइन का कोर्स कर रहा था, जबकि तनिष्क बीकॉम का छात्र था.

अस्पताल में तत्काल इलाज नहीं मिलने का आरोप

मृतक तनिष्क की बहन वैष्णवीने बताया "हम सब डिनर करने गए थे. हम लोग भी पीछे दूसरे वाहन से आ रहे थे. जैसे ही स्टार चौराहे पर पहुंचे तो दोनों गंभीर रूप से घायल सड़क पर तड़प रहे थे. हम लोग दोनों को उठाकर एक निजी अस्पताल पहुंचे. लेकिन यहां पर ड्यूटी डॉक्टर ही नहीं थे. यहां पर परिजनों को स्ट्रेचर तक नहीं मिल सका. उस समय दोनों को सांसे चल रही थीं. अगर समय पर इलाज मिल जाता तो जान बच सकती थी." वहीं, इस मामले में एसआई सोमनाथ मौर्यने कहा "परिजनों के आरोपों की जांच की जाएगी."

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