मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

इंदौर की 'गेर', रंगों से ढंक जाएगा पूरा आसमान, क्‍या इस बार यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में मिलेगी जगह? - indore rangpanchami ger - INDORE RANGPANCHAMI GER

Indore Rangpanchami Ger: इंदौर की प्रसिद्ध 'गेर' इस बार आचार संहिता के बावजूद 30 मार्च को इंदौर में निकलेगी. ये हुरियारों का जुलूस होता है जिसमें हजारों की तादात मे हुरियारे सड़क पर रंग गुलाल उड़ाते निकलते हैं. इस बार इस जुलूस को यूनेस्को हेरिटेज में शामिल करने की तैयारी है.

INDORE RANGPANCHAMI GER
रंगपंचमी पर इंदौर में गेर का आयोजन

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 27, 2024, 8:44 AM IST

Updated : Mar 27, 2024, 9:05 AM IST

रंगपंचमी पर इंदौर में गेर का आयोजन

इंदौर।दुनिया भर में होली का पर्व जहां पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है, वहीं होली के बाद इंदौर में रंग पंचमी पर आयोजित होने वाली 'गेर' शहर की परंपरा का गौरवशाली हिस्सा बन चुकी है. बीते 75 सालों से निकाली जा रही 'गेर' इस वर्ष भी अपने अपने पूरे हर्षोल्लास और गरिमा पूर्ण तरीके से निकली जाएगी. जिसमें शहर भर के लोग एक साथ रंगों से सराबोर होते नजर आएंगे. इस बार गेर में दादा-दादी की कठपुतली के साथ अनारकली का डांस आकर्षण का केंद्र रहेगा.

1945 में हुई थी गेर की शुरुआत

दरअसल उत्सव की सरजमी कहे जाने वाले इंदौर में होली और रंग पंचमी के पर्व भी शहर के लोग एक साथ सामूहिक रूप से मनाते आए हैं, यहां के राजवाड़ा परिसर में होलकर शासक शहर की प्रजा के साथ होली का पर्व मानते थे. साढ़े सात दशक पहले 1945 में शहर के टोरी कॉर्नर पर होली खेलते समय लोगों को घेर कर रंग से भरी टंकी में डूबाने की घटना से भी 'गेर' का पर्व अस्तित्व में आया. इसके बाद होली मनाने वाले हुरियारे सामूहिक रूप से एक दूसरे को रंगने के लिए शहर की सड़कों पर जुलूस की शक्ल में निकलने लगे. यह पहल शहर की धीरे-धीरे परंपरा बन गई जो आज इंदौर की 'गेर' के भव्य रूप में नजर आती है.

पानी के टेंकरों से डाला जाता है रंग

इस आयोजन में विभिन्न समूहों की छह टोलियां शामिल होती है, जो जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए रूट और क्रम से निकलती है. दरअसल गेर अब रंग पंचमी मनाने वाले शहर भर के लोगों का ऐसा समूह बन चुका है जो आज भी शहर के टोरी कॉर्नर से रैली की शक्ल में रंग पंचमी के दिन निकलता है. इस दौरान सभी लोग एक दूसरे को रंग डालते और होली मनाते हुए जुलूस की शक्ल में सड़कों से गुजरते हैं. उस दौर में 'गेर' को भव्य रूप देने के लिए बड़े-बड़े पानी के टैंकर रंग उड़ने वाली तोप और तरह-तरह की पिचकारी और पंप के जरिए एक दूसरे पर जुलूस के दौरान रंग डाला जाता था. देखते ही देखते 'गेर' की ख्याति दुनिया भर में फैली और अब रंग पंचमी के दिन न केवल मध्य प्रदेश बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां 'गेर' का पर्व देखने पहुंचते हैं.

इस बार गैर को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी

मध्‍य प्रदेश के इंदौर में इस बार रंगों के उत्सव को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां जारी है. आगामी 30 मार्च को रंगपंचमी पर राजबाड़ा के सामने जब पारंपरिक गैर पहुंचेगी तो बेहद दिलचस्प नजारा होगा. वही यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में इंदौर की गैर को शामिल कराने के लिए लंबे समय से प्रयास हो रहे हैं, इसी के तहत इस बार रंगारंग पारंपरिक गैर को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई तरह से तैयारियां की जा रही हैं.

Also Read:

रंगों की विरासत 'गेर': रंगपंचमी पर 2 साल बाद इंदौर में उमड़ा खुशियों का जनसैलाब

यूनेस्को धरोहर के रूप में शामिल हो सकती है इंदौर की गेर, इंदौर पहुंचेगी यूनेस्को की टीम

बुंदेलखंड में वृंदावन का नजारा, हर कोई बिहारी जी के रंग में रंगने के लिए बेताब नजर आया - Bundelkhand Bihariji Radharani Holi

ड्रोन कैमरे से रखी जाएगी नजर

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने रंगारंग 'गेर' को लेकर आयोजकों और संबंधित अधिकारियों के साथ बीते दिनों एक बैठक की थी, जिसमें कई तरह के निर्णय लिए गए हैं. वहीं 'गेर' में कोई अपराधी गतिविधि ना हो इसको लेकर विशेष ड्रोन कैमरा सहित अन्य संसाधनों से नजर रखी जाएगी. शहर में वैसे तो हर त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. किंतु रंग पंचमी के पर्व का हर किसी को इंतजार रहता है क्योंकि लाखों की तादाद में शहर के राजवाड़ा पर रंगों की बौछार में हर कोई शामिल होने के लिए आतुर रहता है.

Last Updated : Mar 27, 2024, 9:05 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details