इंदौर। मध्य प्रदेश में सड़कों के निर्माण के दौरान करोड़ों के ठेकों में होने वाले भ्रष्टाचार के कारण बनने वाली कमजोरी सड़कों से अब मुक्ति मिल सकेगी. दरअसल विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और सड़कों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग अब हर बड़े ठेके का थर्ड पार्टी ऑडिट कराएगा. इसे लेकर विभागीय स्तर पर सहमति बन गई है. माना जा रहा है कि सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार पर रोक लगने के कारण पीडब्ल्यूडी की सड़क भी गुणवत्तापूर्ण बन सकेगी.
सड़कों के ठेके का थर्ड पार्टी ऑडिट
इस आशय की घोषणा लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इंदौर में की. राकेश सिंह के मुताबिक, ''मध्य प्रदेश में बड़े सड़कों के निर्माण कार्यों की जांच के लिए हालांकि टेस्टिंग लैब है लेकिन फिर भी सड़कों की गुणवत्ता को लेकर बार-बार आपत्ति आती है. लिहाजा अब सड़कों के हर टेंडर और ठेके के बाद पूरे निर्माण कार्य का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जा सकेगा. जिससे कि न केवल लोक निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी, वहीं सड़के भी गुणवत्तापूर्ण तरीके से बन सकेंगी.''
गुणवत्तापूर्ण बनेंगी सड़कें
वर्तमान में मध्य प्रदेश में 8015 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे से जुड़े मार्ग हैं, जबकि 11389 किलोमीटर क्षेत्र में पहला राज्य सरकार की सड़के हैं. इसके अलावा जिला स्तर की सड़कों की लंबाई 22129 किलोमीटर हैं, जबकि ग्रामीण स्तर पर 28623 किलोमीटर लंबी सड़के मौजूद हैं. स्टेट हाईवे की सड़कों को भविष्य में गुणवत्तापूर्ण तरीके से बनाया जा सके इसलिए विभाग की कोशिश है कि थर्ड पार्टी ऑडिट के जरिए ही निर्माण कार्य का भुगतान हो. जिससे कि सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता बरकरार रखी जा सके.
कुछ वर्षों में जर्जर हो जाती हैं सड़कें
गौरतलब है फिलहाल मध्य प्रदेश में नेशनल हाईवे की जितनी सड़के बन रही हैं वह खासी गुणवत्तापूर्ण हैं. जबकि लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने वाली सड़कें निर्माण के कुछ वर्षों में ही जर्जर हाल हो जाती हैं. इस स्थिति पर हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी आपत्ति जताई थी. यही वजह है कि अब लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बनाई जाने वाली सड़कों में गुणवत्ता के लिए पारदर्शिता भी रखी जा सके.