इंदौर। मध्य प्रदेश के चौथे चरण में सोमवार को हुए मतदान में इंदौर फिसड्डी साबित हुआ. लोकसभा की 8 सीटों के लिए हुई वोटिंग में सबस कम मतदान 60.53 प्रतिशत इंदौर में हुआ. सबसे रोचक चुनाव इंदौर लोकसभा सीट को लेकर ही है. यहां नामांकन वापसी के अंतिम दिन कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा नामांकन वापस लेने और भाजपा ज्वाइन करने के बाद मुख्य विपक्षी दल से कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं है. यहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शंकर लालवानी मैदान में है. उनके अलावा 14 प्रत्याशियों में से बहुजन समाज पार्टी जनसंघ और कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा अन्य 9 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. इधर कांग्रेस ने नोटा को अपना समर्थन दिया है.
कांग्रेस प्रत्याशी हुए भाजपा में शामिल
इंदौर सीट पर बीते 40 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है. ऐसे में यहां का चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी नहीं होने के कारण औपचारिक और एक तरफा रह गया है. हालांकि कांग्रेस अपना उम्मीदवार गंवाने के बाद यहां से नोटा का प्रचार कर रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि इंदौर लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस समर्थित वोट भी नोटा के पक्ष में जाने के कारण नोटा के पक्ष में मतदान बढ़ने की संभावना है.
मतदान केंद्रों पर तैनात रही पुलिस
इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब 27 लाख 84130 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 14,05,797 और महिला मतदाता 13,78,227 है. जबकि अन्य मतदाताओं की संख्या 106 है. इंदौर जिले में 10,708 मतदान दल में शामिल करीब 2,677 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों ने मतदान प्रक्रिया संपन्न की. इंदौर जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से संवेदनशील मतदान केंद्रों पर व्यापक पुलिस बल तैनात रहा. इसके अलावा पोलिंग बूथ पर सीसीटीवी कैमरा और अन्य संसाधनों से नजर रखी गई.
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