इंदौर: प्रदेशभर में जिस यूरिया के लिए किसान परेशान हैं, दरअसल वही यूरिया मानव जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने किसानों से जैविक खेती अपनाने का आह्वान किया. कृषि कॉलेज में आयोजित जैविक मेले में बतौर अतिथि कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय किसानों को संबोधित कर रहे थे. विजयवर्गीय ने कहा "किसानों द्वारा यूरिया खाद के उपयोग से मनुष्य का जीवन कम हो रहा है."
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नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ऑर्गेनिक खेती पर जोर देकर यूरिया के नुकसान बताए.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Jan 20, 2025, 3:37 PM IST
विजयवर्गीयने कहा 'एक समय गांवों में कभी किसी को शुगर नहीं होती थी. ग्रामीण हमेशा स्वस्थ रहते थे लेकिन आज गांव-गांव में शुगर और कैंसर के पेशेंट बढ़ गए हैं, इसका जिम्मेदार यूरिया खाद है. आज देखने में आता है कि किसान अपने बेटे को कंधा देता है. पूछने पर पता चलता है कि उसे कैंसर हो गया था. मैंने अपने घर में यूरिया खाद के उगाई गई मूंग की दाल को वापस करवा दिया, क्योंकि हमारे यहां रात में हमेशा मूंग की दाल बनती है, लेकिन जबसे मैंने सुना कि मूंग की दाल यूरिया खाद की है तो मैं सचेत हो गया हूं."
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ऑर्गेनिक खेती को अपनाना ही पड़ेगा
विजयवर्गीयने कहा "ऑर्गेनिक मूंग की दाल मंगाओ, चाहे वह ढाई सौ रुपए किलो मिले. यदि अब सुख शांति और जीवन जीना है तो ऑर्गेनिक खेती को अपनाना पड़ेगा. ऑर्गेनिक खेती अपनाने के कारण किसानों को इससे दो-तीन साल हानि हो सकती है लेकिन आने वाले समय में फायदा होगा." उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और इस देश की इकॉनामी की रीढ़ की हड्डी कृषि है. निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी के शासन में किसानों ने विकास किया. बीजेपी सरकार किसानों को एमएसपी के रेट और किसान सम्मान निधि के तहत हर साल राशि पहुंचाती है.