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IDA और बिल्डर्स के बीच साठगांठ की भनक लगते ही कमिश्नर ने लिया अहिल्यापथ योजना पर फैसला - Indore Ahilyapath Scheme

इंदौर विकास प्राधिकरण और बिल्डरों के बीच साठगांठ का नया मामला सामने आया है. मामला उजागर होते ही संभाग आयुक्त ने अहिल्यापथ योजना के आसपास की जमीनों के सौदे और उन पर कॉलोनी विकसित होने की अनुमतियां निरस्त करने के निर्देश दिए हैं.

Indore Ahilyapath Scheme
अहिल्यापथ योजना पर कमिश्नर का बड़ा फैसला (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 17, 2024, 1:48 PM IST

इंदौर।इंदौर विकास प्राधिकरण और बिल्डर्स का भी गजब का गठजोड़ है. इंदौर विकास प्राधिकरण की आवासीय स्कीम घोषित होने से पहले ही शहर के बिल्डर स्कीम के आसपास की जमीन खरीद कर रहे हैं. अपनी कॉलोनियां विकसित कर लेते हैं. जाहिर है इस धंधे से निवेशकों को कौड़ियों की जमीन से करोड़ों का मुनाफा होता है, जिसका प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष लाभ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी मिल जाता है. ऐसे ही एक मामले के उजागर होने के बाद विकास प्राधिकरण इस कारनामे से पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है.

दीपक सिंह संभाग आयुक्त इंदौर (ETV BHARAT)

आवासीय योजना मंजूर होते ही सक्रिय हुए बिल्डर्स

दरअसल, नवम्बर 2023 मे इंदौर के सुपर कॉरिडोर के पास विकास प्राधिकरण की अहिल्या पथ नामक ग्रीन सिटी और पेरिस की तरह 15 मिनट सिटी की तरह ही एक आवासीय योजना को राज्य शासन ने मंजूरी दी थी. इस योजना में 5000 हेक्टेयर जमीन पर अहिल्या नगर बनाने की तैयारी है, जिसमें बड़े निवेशकों के लिए बड़े क्लस्टर और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इस आवासीय स्कीम का विकास इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा लैंड पुलिंग योजना से किया जाना है, जिसमें 60 से 70 फीट चौड़ी सड़क बड़ा एमिटी और अन्य सुविधाएं मौजूद रहेंगी. इस योजना पर कार्य शुरू हो पाता उसके पहले ही योजना से संबंधित सारी जानकारी नक्शे और फाइल का रिकॉर्ड इंदौर और भोपाल के करीब दो दर्जन बिल्डरों और इन्वेस्टरों के पास पहुंच गया.

योजना के दौनों ओर की जमीन बिल्डर्स ने खरीदी

स्कीम के दोनों तरफ मौजूद जमीन बिल्डरों ने खरीदना शुरू कर दी. जमीन खरीदते ही बीते 5 महीने में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों ने ताबड़तोड़ कृषि की जमीन को आवासीय में बदलते हुए अधिकांश जमीनों पर कॉलोनी विकसित करने की अनुमति भी दे दी. इंदौर विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अहिल्या पक्ष योजना की घोषणा होने के पहले ही प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर आरोप लगाया"विकास प्राधिकरण के सीईओ ने कुछ बिल्डरों और निवेशकों के साथ मिलकर इस योजना से संबंधित सारी जानकारियां साझा करते हुए उन्हें निर्माण अनुमति दिलाने में मदद कर दी."

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कांग्रेस नेता राकेश यादव के गंभीर आरोप

कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया "जो जमीन विकास प्राधिकरण की योजना के लिए उपयोग होनी थी, उसे पर निजी बिल्डरों ने अपने नक्शे स्वीकृत करा लिए. विकास प्राधिकरण को लगभग 4 लाख 50 हज़ार वर्ग फीट क्षेत्रफल प्लॉट एरिया का नुक़सान हुआ. वहीं विकास प्राधिकरण और मध्य प्रदेश शासन को लगभग 1000 करोड़ की राजस्व हानि होगी. वहीं जिन बिल्डरों ने योजना के आसपास की जमीन खरीद ली वे अब प्राधिकरण की स्कीम के पास अपनी कॉलोनी में 5 से 10 गुना महंगे प्लांट आराम से बेंच सकेंगे."

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