इंदौर। इंदौर की राजनीति के दो ध्रुव कैलाश विजयवर्गीय और सुमित्रा महाजन के बीच राजनीतिक दूरियां शायद अब भी कायम हैं, जो शहर में आयोजित अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी समारोह के शुभारंभ अवसर पर फिर उजागर हो गईं. दरअसल अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के बतौर मुख्यमंत्री मोहन यादव, समिति की संरक्षक सुमित्रा महाजन, स्वयंसेवक संघ के डॉ कृष्ण गोपाल आदि अतिथि तो मंच पर मौजूद थे. लेकिन इस कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मंच पर स्थान ही नहीं दिया गया.
श्रोताओं के बीच बैठे नजर आए विजयवर्गीय
लिहाजा करीब डेड़ घंटे चले कार्यक्रम के दौरान कैलाश विजयवर्गीय श्रोताओं के बीच बैठे नजर आए तो चर्चा का विषय बन गये. यह बात और है कि जब आयोजन समिति की संरक्षक सुमित्रा महाजन से इसका कारण पूछा गया तो वे सवाल पर ही भड़कती नजर आईं. उनका कहना था कि ''कार्यक्रम में किसे कहां स्थान देना है यह समिति द्वारा तय किया जाता है. मुझसे यह सवाल मत पूछो.''
अहिल्याबाई होलकर का त्रिशताब्दी समारोह
इंदौर में अहिल्याबाई होलकर का त्रिशताब्दी समारोह मुख्यमंत्री मोहन यादव और सुमित्रा महाजन के अतिथ्य में आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को मंच पर स्थान नहीं दिया गया, जो राजनीतिक रूप से भी आश्चर्यजनक है. दरअसल यह कार्यक्रम शुक्रवार शाम को शहर के अभय प्रशाल में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम भानपुरा ज्योतिर्मय मठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद, महामंडलेश्वर किरण दास बापू महाराज और महामंडलेश्वर कृष्णवंदन जी महाराज के सानिध्य में आयोजित किया गया.
चर्चा का विषय बने कैलाश विजयवर्गीय