इंदौर। देश भर में महंगी इमारती लकड़ी का पर्याय सागवान के वृक्ष की अंधाधुंध कटाई की भरपाई अब रूट शूट विधि से तैयार किए गए पौधों से होगी. दरअसल इंदौर वन मंडल में अब इन पौधों को क्रोबार पद्धति से लगाया जाएगा. इंदौर वन मंडल ने इसके लिए इंदौर समेत महू, मानपुर और चोरल के जंगलों में 15 लाख सागवान के पेड़ लगाने का फैसला किया है. इंदौर जिले में सागवान के पौधे लगाने की क्रोबार प्लाटिंग तकनीक में 1 साल पहले बुवाई कर तैयार किए गए 9 इंची रूट वाले और 2 इंच तने वाले पौधे तैयार किए गए हैं.
क्रोबार प्रक्रिया से तेजी से बढ़ेंगे पौधे
इन पौधों को लगाने के लिए क्रोबार कहे जाने वाले लोहे के सरिया से जमीन में एक 9 इंच का गड्ढा किया जाएगा. इस गड्ढे में यह रूट शूट वाला पौधा लगाकर मिट्टी को दबा दिया जाएगा. वन विभाग का दावा है कि इस प्रक्रिया से पौधे तेजी से वृद्धि करेंगे और कुछ दिनों में पौधा बड़ा हो जाएगा. इंदौर डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी के मुताबिक ''न केवल इंदौर वन मंडल बल्कि वन विकास निगम भी सागवान के पेड़ लगाने के लिए इसी विधि का उपयोग कर रहा है.''
प्लांटिग को लेकर टेंडर जारी
डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, ''इंदौर में लगने वाले 51 लाख पौधे में से 15 लाख पौधे इस विधि से इंदौर वन मंडल इलाकों में लगाए जाएंगे. फिलहाल वन विभाग ने जो पौधे लगाए हैं उनके अलावा अतिरिक्त पौधे खरीदने के लिए टेंडर जारी किया गया है. 2 जुलाई को टेंडर ओपन होने के बाद शेष पौधों की आपूर्ति भी हो जाएगी. इसके बाद 7 जुलाई से यह पौधे क्रोबार पद्धति से लगना शुरू हो जाएंगे.'' Ek Ped Maa ke Naam Campaign