लखनऊ: सीएसआईआर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (IITR) ने अपने 60वें स्थापना दिवस पर दो नए प्रोजेक्ट से जनता के लिए उपलब्ध कराया है. आईआईटीआर ने एक ऐसी टेबलेट बनाई है, जो इमरेजेंसी में बहुत काम आएगी. यह टेबलेट आपतकालीन समय में आपकी भूख मिटाएगी.
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केसी खुल्बे ने बताया कि जब से आईआईटीआर का गठन हुआ तब से लेकर आज तक संस्थान की विभिन्न उपलब्धियां भी रही है. इस वर्ष संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक साथ मिलकर आपातकालीन आहार और वॉटर प्यूरीफायर विकसित किया है. इसमें निदेशक डॉ. भास्कर नारायण के नेतृत्व में सभी ने अपना योगदान दिया है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च. (Video Credit; ETV Bharat)
विटामिन और मिनरल्स से भरपूर टेबलेटःडॉ. केसी खुल्बे ने बताया कि आपातकालीन आहार में सभी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर एक टेबलेट है. जिसका सेवन आपातकालीन स्थितियों के दौरान आम जनमानस को वितरित किया जा सकता है. यह तकनीक हम कंपनी को सौंपा है, ताकि बाजार में उपलब्ध हो सकें. उन्होंने बताया कि इस टेबलेट का सेवन आपातकालीन स्थिति जैसे बाढ़ या अन्य मुसीबत में फंसे लोगों को दिया जा सकेगा, जिनको कई दिनों से भोजन न प्राप्त हुआ हो. यह टेबलेट फौजी भाईयों को दिया जा सकता है. उनके लिए यह एक आहार के रूप में काम करेगा.
पानी में मौजूद एक-एक कण खत्म करेगा प्यूरीफायरःडॉ. केसी खुल्बे ने बताया कि वॉटर प्यूरीफायर वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. वॉटर प्यूरीफायर पानी में मौजूद एक-एक कण को आईडेंटिफाई करके समाप्त करने का काम करेगा. इसे बनाने में लंबा समय लगा है. लेकिन, इसका आउटपुट भी बहुत अच्छा है. इसे खरीदने के लिए कंपनी के लोग आए हुए हैं. उनसे बातें की जा रही है. उन्हें यह तकनीक दी जाएगी.
अब तक सबसे अच्छा स्वदेशी वॉटर प्यूरीफायरःतमिलनाडु के कोयम्बटूर लघु उद्योग भारतीय के रामचंद्रन ने कहा कि आईआईटीआर में वाटर प्यूरीफायर मेथड को खरीदने के लिए आए हुए हैं. उनका हमेशा से विज्ञान में रुझान रहा है. यहां का एक्सपीरियंस बहुत अच्छा आ रहा है. वॉटर प्यूरीफायर मेथड को समझा हूं. भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक मुझे यह मेथड के बारे में बताया है. इसकी कीमत तय हो जाने पर वह तकनीक को खरीदेंगे. वहीं, फीयरलेस प्रा. लि. कंपनी चंद्रशेखर जोशी ने कहा कि हमारी कंपनी फूड वॉटर एवं अन्य चीजों पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम करती है. भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने वॉटर प्यूरीफायर मेथड डेवलप किया गया है. यह वॉटर प्यूरीफायर सबसे अलग है, अगर संस्थान से एमओयू होता है तो विकसित करेंगे. ऐसे वॉटर प्यूरीफायर अभी तक भारत में नहीं बनते हैं. दूसरे देशों से आयात होते हैं, जो महंगे पड़ते हैं. भारत में निर्माण होने से लागत कम होगी.
4 नवंबर 1965 को आईआईटीआर की हुई थी स्थापनाःआईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने बताया कि 4 नवंबर 1965 को आईआईटीआर लखनऊ की स्थापना हुई थी. तभी से संस्थान मानव स्वास्थ्य, रासायनिक संस्थाओं के सुरक्षा अध्ययन, जोखिम मूल्यांकन, विष विज्ञान के सभी डोमेन में काम कर रहा है. सीएसआईआर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (IITR) कैंपस में पहुंचे साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हीरक जयंती समारोह न केवल गौरवशाली अतीत पर नजर डालने का वर्ष है. बल्कि संस्थान के लिए भविष्य की योजनाओं पर समान रूप से विचार और रूपरेखा तैयार करता है. कार्यक्रम के दौरान WARMEST सम्मेलन और नवंबर में EARTH-2025 सम्मेलन का इवेंट कैलेंडर भी जारी किया.
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