बिलासपुर:भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून किसी से छिपा नहीं है. क्रिकेट भारत के हर गली मोहल्ले में खेला जाने वाला खेल है. क्रिकेट में भले ही हिमाचल ने कोई बड़े सितारे इस देश को नहीं दिए हैं और न ही क्रिकेट के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर दिल्ली, मुंबई जैसे राज्यों की तरह सुदृढ़ है, लेकिन धर्मशाला और बिलासपुर जैसे खूबसूरत क्रिकेट मैदान जरूर हिमाचल में है. धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम विश्व के सबसे खूबसूरत स्टेडियम में से एक हैं.
धर्मशाला की क्रिकेट आउटफिल्ड को हाल ही में हाइब्रिड पिच में बदला गया है. ये देश की पहली हाइब्रिड क्रिकेट पिच थी. अब इस लिस्ट में बिलासपुर स्थित लुहणू क्रिकेट मैदान का नाम भी जुड़ गया है. अब देश में दो हाइब्रिड क्रिकेट पिच होंगी और ये दोनों ही हिमाचल में होंगी. छोटे से प्रदेश के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है.
हाइब्रिड होगी बिलासपुर क्रिकेट मैदान की पिच (ETV BHARAT) चार प्रैक्टिस और दो मेन हाइब्रिड पिच की जाएंगी तैयार
बुधवार को लुहणू क्रिकेट मैदान में इसका काम शुरू हो चुका है और एतिहासिक लुहणू क्रिकेट मैदान में चार प्रैक्टिस और दो मेन क्रिकेट पिच को हाईब्रिड पिच के साथ तैयार किया जा रहा है, ताकि यहां पर खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और यहां के खिलाड़ी आधुनिक तकनीक से लैस पिचों में अपना अभ्यास और मैच खेल सकें. आपको बता दें कि बिलासपुर के लुहणू क्रिकेट मैदान में इंग्लैंड के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और हाईब्रिड पिच तैयार करने वाली कंपनी के सीईओ पॉल टेल ने लुहणू मैदान का दौरा किया और इस मैदान की खूब तारीफ भी की.
बुधवार को जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन बिलासपुर के सचिव विशाल जगोता ने बताया कि, 'इस मैदान की फील्ड को हाइब्रिड मॉडल में बदलने का काम शुरू हो चुका है. 10 से 15 दिन के भीतर यह आधुनिक तकनीक से लैस पिच तैयार हो जाएगी.'
बिलासपुर के बाद अमतर मैदान को भी किया जाएगा तैयार
विदेश से बिलासपुर पहुंचे एक्सपर्ट की टीम ने बताया कि,'यह कॉन्सेप्ट विदेशों में होने वाले फुटबॉल ग्राउंड से लिया गया है, क्योंकि फुटबॉल ग्राउंड के मैदान हमेशा हरे भरे रहते हैं, ऐसे में उसी तर्ज पर इस मैदान को भी तैयार किया जा रहा है. इससे पहले धर्मशाला में आयोजित हुए वर्ल्ड कप के दौरान यह पिच तैयार की गई थी. उसके बाद अब बिलासपुर की पिच को तैयार किया जाएगा. इसके बाद अमतर क्रिकेट ग्राउंड को तैयार करने का काम किया जाएगा. इस आधुनिक पिच से एक तरफ जहां खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा साथ ही यहां पर ग्राउंड मैन को भी थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि इस पिच के बनने से विकेट पर घास खराब नहीं होगी. यह 12 महीनों तक घास रहेगी, जिससे खिलाड़ियों को खेलने में काफी मजा भी आएगा और उनको अतिरिक्त उछाल भी मिलेगा.'
जानें कैसे तैयार की जाती है हाईब्रिड पिच
यूनिवर्सल मशीन की सहायता से क्रिकेट स्टेडियम और पिच के अंदर नेचुरल टर्फ के साथ थोड़ी मात्रा में पॉलिमर फाइबर इंजेक्ट किया जाता है. नेचुरल घास के साथ पांच प्रतिशत पॉलिमर फाइबर का उपयोग किया जाता है. मैदान में मुख्य पिच के साथ की पिच के सवेंदनशील एरिया में आर्टिफिशियल ग्रास को लगाया जाता है. इस तरह से तैयार पिच पर समान्य पिचों की ही तरह उछाल रहती है.
नेचुरल घास और सिंथेटिक का है मिश्रण
हाइब्रिड पिच को नेचुरल घास के साथ सिंथेटिक घास को मिक्स करके तैयार किया गया है. यह भारत की दूसरी हाईब्रिड पिच है. इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट मैदान में इसी तरह की पिचों को तैयार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यह प्रणाली पिच के स्वास्थ्य और लचीलेपन में सुधार करती है, जिससे खिलाड़ियों को बेहतर और सुरक्षित खेल की स्थिति का लाभ मिलता है और तेज गेंदबाज को भी अधिक फायदा मिलेगा.
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