श्रीनगर: निगम श्रीनगर मेयर सीट पर नामांकन प्रक्रिया के तहत निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरी आरती भंडारी को मंगलवार रात आपत्ति नोटिस प्राप्त होने से हड़कंप मच गया था. नोटिस में निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य रही आरती भंडारी को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के अनुसार एक व्यक्ति का दो स्थानों पर इलेक्ट्रोल निर्वाचक नामावली में नाम होना अनुचित बताया गया. नामांकन पत्रों की जांच के दूसरे दिन आरती भंडारी को दिये गये आपत्ति नोटिस को निर्वाचन अधिकारी ने ख़ारिज करते हुए उनका नामांकन वैध करार दिया.
मामले में आरती भंडारी और हिन्दू नेता लखपत भंडारी ने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा हार के डर से षड़यंत्र रचा जा रहा है. उन्होंने बताया भाजपा में कई वर्षों से कार्य कर रहें वरिष्ठ भाजपाईयों को टिकट न देकर अचानक से बाहरी प्रत्याशी को टिकट देना सरासर गलत है. उन्होंने कहा वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिये वह मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरे हैं. भाजपा के इस तरीके के निर्णय से और उम्मीदवारों में भी निराशा है. उन्होंने कहा जो धरातल में सक्रिय रूप से जनता के बीच रहा हो जनता उसी के नाम पर मुहर लगाएगी.