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नैनीताल में दिलचस्प हुआ नगर निकाय चुनाव, निर्दलीय बिगाड़ सकते हैं बीजेपी और कांग्रेस का खेल - NAINITAL NIKAY CHUNAV

नैनीताल में निकाय चुनाव दिलचस्प हो गया है. निर्दलीय प्रत्याशियों के मैदान में उतरने से बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों का खेल बिगड़ सकता है.

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नैनीताल निकाय चुनाव में वोट मांगती निर्दलीय प्रत्याशी (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 19, 2025, 9:17 AM IST

नैनीताल:सरोवर नगरी नैनीताल की जनता छोटी सरकार बनाने को पूरी तरह से तैयार है. निकाय चुनाव में कई प्रत्याशी मैदान में हैं. मगर इस बार नैनीताल में भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनावी राह आसान होती नहीं दिख रही है. क्योंकि निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस के जीत का रोड़ा बन सकते हैं. भाजपा और और कांग्रेस प्रत्याशी नैनीझील और नगर पालिका कर्मचारियों की समस्या के समाधान की बात कर रहे हैं. वहीं निर्दलीय दोनों उम्मीदवार राजनीतिक दलों से ऊपर उठकर उत्तराखंड बनने के बाद से नगर निकाय चुनाव में विकास ना करने का आरोप लगा रहे हैं.

निर्दलीय उम्मीदवार संध्या शर्मा का कहना है नैनीताल के आंतरिक मार्ग अधिकांश स्थानों पर टूटे हुए हैं. सड़कों की व्यवस्था बदहाल है, स्ट्रीट लाइट, बिजली, पानी की व्यवस्था तक उचित नहीं है. जिससे स्थानीय जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संध्या बताती हैं अगर जनता उन्हें अपना समर्थन देती है तो आने वाले समय में नैनीताल की शहरों में सौर ऊर्जा, पूरे शहर में महिला सुरक्षा व सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे, सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की बेहतर व्यवस्था की जाएगी.

निर्दलीय बिगाड़ सकते हैं बीजेपी और कांग्रेस का खेल (Video-ETV Bharat)

राजनीति के जानकारी व समाज सेवी प्रकाश पांडे बताते हैं नैनीताल के तल्लीताल हरी नगर वार्ड से ममता जोशी और राज भवन वार्ड से दीपा मिश्रा चुनावी मैदान में हैं, जो कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि हरिनगर क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. पिछले निकाय चुनाव में कांग्रेस को इन क्षेत्रों से बढ़त मिली थी. मगर इस बार के चुनाव में दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों के मैदान में होने से कांग्रेस को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

इसके अलावा शहर की चिड़ियाघर क्षेत्र से संध्या शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं. इस क्षेत्र में भाजपा का दबदबा देखने को मिलता था. संध्या के निर्दलीय उम्मीदवार होने से स्थानीय महिलाओं का समर्थन संध्या को मिल रहा है, जिससे भाजपा को कहीं ना कहीं नुकसान होता दिख रहा है.

निकाय चुनाव में उत्तराखंड क्रांति दल ने अपनी महिला उम्मीदवार लीला बड़ा को चुनावी मैदान में उतारा है. लीला रोडवेज कर्मचारी संघ की नेता भी रह चुकी हैं. ऐसे में शहर के वरिष्ठ नागरिक राज्य आंदोलनकारी समेत अन्य लोगों का रुझान उत्तराखंड क्रांति दल की तरफ है. जो किसी भी बड़े राजनीतिक दल के अध्यक्ष बनने का रास्ता रोक सकती है.
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