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नालंदा कैंपस देश के भविष्य को दिखा रहा नई राह, यूथ के लिए बना कर्मभूमि की पहली सीढ़ी - Incredible Facts of nalanda - INCREDIBLE FACTS OF NALANDA

Incredible Facts of Nalanda, Nalanda campus of Chhattisgarh बिहार में मिट चुके गौरवपूर्ण इतिहास को एक बार फिर संवारने का काम हुआ है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार की तर्ज पर रायपुर में भी नालंदा परिसर का निर्माण किया गया है.जिसकी मदद से कई बच्चे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.Nalanda University Campus

Nalanda campus of Chhattisgarh
नालंदा परिसर छात्रों को दिखा रहा नई राह (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 19, 2024, 4:11 PM IST

रायपुर : बिहार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी नालंदा परिसर का निर्माण रमन सिंह के शासनकाल में कराया गया था. इस वर्ल्ड क्लास भवन को 6 एकड़ में तैयार किया गया है. जिसमें प्रदेश के युवा यूपीएससी और पीएससी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.रायपुर एनआईटी के पास आयुर्वेदिक कॉलेज के सामने ये परिसर है.जिसे डीएमएफ के 15.21 करोड़ और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से 2.44 करोड़ के सहयोग से इसे बनाया गया. नालंदा परिसर 24 घंटे और सातों दिन संचालित होने वाला प्रदेश का अनोखा शैक्षणिक संस्थान है.

कैसी है व्यवस्था ?:नालंदा परिसर में ऑक्सी रीडिंग जोन में पढ़ने के लिए इंडोर और आउटडोर रीडिंग की व्यवस्था की गई है. इस परिसर में एक हजार स्टूडेंट एक साथ बैठकर पढ़ सकते हैं. इंडोर स्टडी के लिए जी प्लस टू टॉवर बनाया गया है.जिसे यूथ टावर नाम दिया गया है.इस टावर के ग्राउंड फ्लोर में बड़ी लाइब्रेरी है.जिसमें डेढ़ करोड़ की लागत से करीब 50 हजार से ज्यादा पुस्तकें शुरुआत के समय में रखी गईं हैं.नालंदा परिसर में वर्तमान में ढाई हजार पाठकों के बैठने की सर्वसुविधा युक्त व्यवस्था है. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए यह लाइब्रेरी मददगार साबित हो रही है.

दूसरे नालंदा परिसर की घोषणा :छत्तीसगढ़ में वर्तमान में विष्णुदेव साय की सरकार है. सीएम साय ने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर एक बड़ी घोषणा नालंदा परिसर से जुड़ी की है.सीएम साय ने प्रदेश में एक और नालंदा परिसर बनाने का ऐलान किया है. रायपुर में नये नालंदा परिसर के निर्माण के साथ-साथ वर्तमान में संचालित नालंदा परिसर की सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी. एक और नालंदा परिसर बनने से पीएससी, यूपीएससी समेत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को बड़ा लाभ होगा. मुख्यमंत्री ने इस दौरान नालंदा परिसर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं से बातचीत भी की.

देश की शिक्षा में नालंदा यूनिवर्सिटी का बड़ा योगदान : बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस का उद्घाटन किया है.जो पुरानी यूनिवर्सिटी के करीब ही बना है.नालंदा यूनिवर्सिटी का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. आपको बता दें कि भारतीय शिक्षा के इतिहास में नालंदा यूनिवर्सिटी का सबसे ज्यादा योगदान रहा है. बिहार का नालंदा बीते दौर में शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता था. 800 साल बाद एक बार फिर से नालंदा का गौरवपूर्ण इतिहास फिर से लोगों के सामने लाने की कोशिश की गई है. आपको बता दें कि नालंदा यूनिवर्सिटी दुनिया की पहली आवासीय यूनिवर्सिटी भी मानी जाती है.

गुप्तकाल में हुई थी स्थापना :नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना 450 ईसा पूर्व गुप्त शासन काल में हुई थी. गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी. यह यूनिवर्सिटी में बीते जमाने में 300 कमरे, 9 मंजिला विशालकाय पुस्तकालय, 3 लाख से ज्यादा किताबें थी. गुप्त साम्राज्य के युग को भारतीय इतिहास का स्वर्ण काल ​​बनाने में नालंदा विश्वविद्यालय की अहम भूमिका मानी जाती है. इसमें पूरे भारत और दुनिया भर के विद्वान इकट्ठा हुए थे. आर्यभट्ट, शांतिरक्षित, नागार्जुन, ह्वेन त्सांग, आई-हिंग समेत कई विद्वानों ने इस यूनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण की थी.

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