जयपुर : प्रदेश कर्मचारियों को भजनलाल सरकार ने दीपावली पर एक और तोहफा दिया है. कर्मचारी संगठनों की मांग पर राजस्थान में 1 नवंबर को सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है. इसे लेकर सीएमओ स्तर पर निर्णय हुआ है. सरकार के इस फैसले का अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने आभार जताया है.
कन्फ्यूजन में कर्मचारी : दरअसल, सरकारी कैलेंडर में 31 अक्टूबर का राजकीय अवकाश है. 1 नवंबर को कार्य दिवस है और फिर 2,3 नवंबर को अवकाश है. ऐसे में सैंडविच डे होने के चलते कर्मचारी संगठन भजनलाल सरकार से लगातार 1 नवंबर के राजकीय अवकाश की मांग कर रहे थे. इसको लेकर मुख्यमंत्री के नाम मुख्य सचिव को ज्ञापन भी दिया गया था. ज्ञापन के जरिए देश के अन्य राज्यों में हुए राजकीय अवकाश का हवाला देते हुए राजस्थान में छुट्टी की मांग की गई थी.
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अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष महावीर शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. शर्मा ने कहा कि 1 नवंबर की छुट्टी नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी उन सरकारी कर्मचारियों को थी, जिनके परिजन दूर-दराज के गांव और शहरों में रहते हैं. ऐसे में वे कर्मचारी ज्यादा परेशान हैं कि वो पर्व मनाने घर जाएं या नहीं. यदि घर जाएंगे भी तो वो अगले दिन सुबह 9:30 बजे तक दफ्तर कैसे पहुंचेंगे ?. 31 अक्टूबर को दीपावली है. 2 नवंबर को गोवर्धन और 3 को भैया दूज के चलते सार्वजनिक अवकाश है. इनके बीच में 1 नवंबर को वर्किंग डे था. ऐसे में सैंडविच डे होने के कारण कर्मचारी सरकार से 1 नवंबर के राजकीय अवकाश की मांग कर रहे थे. सरकार ने सुबह एचआरए के लिए आदेश जारी किया और इसके बाद दोपहर होते-होते 1 नवंबर राजकीय अवकाश घोषित कर कर्मचारियों की कन्फ्यूजन को दूर कर दिया
विधानसभा में एक दिन पहले हुआ अवकाश घोषित :बता दें कि विधानसभा सचिवालय ने मंगलवार को ही 1 नवंबर की छुट्टी की घोषणा कर दी थी. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निर्देश पर प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए थे. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अवकाश की घोषणा होने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि राज्य सरकार भी 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर सकती है.