जयपुर: मोटर दुर्घटना मामलों की विशेष अदालत महानगर प्रथम ने 25.75 लाख रुपए का क्लेम खारिज करते हुए कहा कि मामले में यह साबित नहीं है कि बीमित वाहन के चालक ने लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना की है. अदालत ने यह आदेश विष्णु कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
मामले से जुड़े अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार ने बताया कि याचिकाकर्ता ने नेशनल इंश्योरेंस बीमा कंपनी के खिलाफ यह याचिका पेश की है. जिसमें कहा गया कि 21 मई, 2017 को वह प्रकाश चन्द्र के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर जटवाडा से मोहनपुरा जा रहा था. इस दौरान पंचमुखी मंदिर के पास से कार चालक ने तेज गति और लापरवाही से कार को चलाते हुए मोटरसाइकिल के पीछे से टक्कर मारी. जिससे उसके सिर और अन्य जगहों पर गंभीर चोटें आई. इस कारण वह चलने-फिरने और वजनी काम करने के लिए असमर्थ हो गया. इसलिए उसे 25.75 लाख रुपए का क्लेम दिलाया जाए.
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इसके जवाब में बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि दुर्घटना की रिपोर्ट एक्सीडेंट के 23 दिन बाद दर्ज कराई गई है और इसमें देरी का उचित कारण भी नहीं बताया गया है. इसके अलावा क्लेम के लिए वाहन स्वामी और पुलिस से मिलीभगत कर झूठे साक्ष्य पेश किए गए हैं. एक ओर मोटरसाइकिल पर पीछे से टक्कर मारने की बात कही गई है, लेकिन दूसरी ओर मोटरसाइकिल के पीछे कोई डेमेज नहीं है. इसलिए क्लेम याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने क्लेम याचिका को खारिज कर दिया है.