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दलबदलू नेताओं की भूमिका को लेकर सियासी चर्चाएं सुर्ख, आखिर बीजेपी में क्या रहेगी इन नेताओं की भूमिका ? - Many leaders joined BJP - MANY LEADERS JOINED BJP

राजस्थान में इस बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दल बदलू नेताओं की बड़ी संख्या देखने को मिली है. खासतौर पर कांग्रेस और दूसरे दलों के नेताओं ने बड़ी तादाद में बीजेपी का दामन थामा. लोकसभा चुनाव के बाद हर किसी की जुबान पर यही चर्चा बनी हुई है कि दूसरे पार्टियों से आए नेताओं का बीजेपी में आखिर क्या भविष्य होगा.

Many leaders joined BJP
Many leaders joined BJP (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 2, 2024, 9:50 PM IST

दलबदलू नेताओं की भूमिका लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज. (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर.राजस्थान की सियासी जमीन पर इस बार विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक राजनीतिक तपिश हर दिन बढ़ती हुई दिखाई दी है. लोकसभा चुनाव के दौरान ये तपिश तब और भी बढ़ी, जब दलबदलने वाले नेताओं की बड़ी संख्या देखने को मिली. वैसे तो दलबदलू नेताओं की संख्या कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी में रही, लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वालों नेताओं की संख्या औसत से ज्यादा रही है. भाजपा के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ लोकसभा चुनाव 2024 में ही 10 हजार से ज्यादा अन्य दलों के नेताओं ने बीजेपी और पीएम मोदी पर विश्वास जताकर भाजपा का दामन थामा. इनमें करीब दो दर्जन नेता तो ऐसे हैं, जो कांग्रेस में बड़ी हैसियत रखते थे. इनमें से दो नेताओं को तो पार्टी ने चुनाव मैदान में प्रत्याशी बनाकर उतार दिया, लेकिन अब बाकी दलबदलू नेताओं की भूमिका लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. पार्टी के भीतर जहां लोकसभा चुनाव के परिणाम को लेकर मंथन जारी है, वहीं सियासी हलकों में ये चर्चा बनी हुई है कि आखिर दूसरे दलों से आए नेताओं की भूमिका क्या होगी.

वफादारी का मिलेगा इनाम ? :भाजपा में जॉइनिंग के समय कमोबेश सभी नेताओं ने कहा था कि उनकी कोई पद की लालसा नहीं, वो सिर्फ देश के प्रधानमंत्री की कार्यशैली से प्रभावित और पार्टी की विचारधारा से होकर आए हैं. दूसरे दलों से आए नेताओं ने लोकसभा चुनाव के दौरान जमीनी स्तर पर मेहनत भी की. ऐसे में एक संभावना जताई जा रही है कि इन तमाम नेताओं को उनकी सक्रियता और चुनावी परफॉर्मेंस के आधार पर सत्ता और संगठन में जगह दी जा सकती है. जानकारों की मानें तो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए नेताओं के लिए अपने आप के लिए जगह बनाना इतना आसान नहीं है, लेकिन जनाधार और क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले नेताओं को बीजेपी जोड़कर रखने की कोशिश करेगी.

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10 हजार से ज्यादा ने थामा भाजपा का दामन :भाजपा का आंकड़ा बताता है कि इस बार लोकसभा चुनाव में 10 हजार नेताओं ने भाजपा का दामन थामा, जिसमें कांग्रेस से आने वाले पूर्व सांसद गोपाल सिंह शेखावत, पूर्व सांसद करण सिंह यादव, शंकर पन्नू, पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया , पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव, पूर्व मंत्री महेंद्रजीत मालवीय, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा बीजेपी में शामिल हुए. इसी प्रकार विजयपाल मिर्धा, आलोक बेनीवाल,जेपी चंदेलिया,खिलाड़ी लाल बैरवा, नंदकिशोर महरिया सहित कई कद्दावर नेताों ने भी बीजेपी जॉइन की. हालांकि, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए महेंद्रजीत मालवीया और ज्योति मिर्धा को ही लोकसभा चुनाव का टिकट मिला.

पार्टी आलाकमान का संदेश :भाजपा में दलबदलू नेताओं को लेकर अंदरखाने कुछ नाराजगी भी उठाने लगी है. सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस से भाजपा में आए दिग्गज का क्या भविष्य होगा और उनकी क्या भूमिका रहेगी ? हालांकि, पार्टी में दबी जुबान में सही लेकिन सवालों के इस उठते बवंडर को बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी समझ रहा है, इसीलिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे नेता बिना किसी शर्त आ रहा हैं, किसी तरह का कई लोभ लालच नहीं पाले.

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