हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

हरियाणा का अनोखा जिला, जहां पराली सिरदर्द नहीं बल्कि मुनाफे का सौदा, जानिए कैसे

नूंह जिले में किसान पराली को जलाने के बजाय उसे पशु चारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.

PROPER USE OF STUBBLE
पराली का पशु चारे में इस्तेमाल (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 17, 2024, 7:18 PM IST

नूंह: पराली या अन्य फसल अवशेष भले ही सरकार का सिरदर्द बढ़ाने के साथ-साथ आमजन की परेशानी भी बनती जा रही हो, लेकिन हरियाणा के नूंह जिले में इसी पराली को किसान जलाने के बजाय पशु चारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. किसान पराली से 10-12 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुनाफा कमा रहे हैं.

किसानों को किया जा रहा जागरूक :कृषि उपनिदेशक वीरेंद्र देव आर्य ने बताया कि उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा के दिशा-निर्देश पर नूंह में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत आदेश जारी किए गए हैं. इसके लिए विभाग के सभी कर्मचारी व अधिकारी धान की फसल उगाने वाले गांवों के किसानों को कैंप लगाकर जागरूक करते हैं. स्कूलों में भी बच्चों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वो पराली ना जलाने का संदेश अपने माता-पिता को दें सके.

पराली का पशु चारे में इस्तेमाल (Etv Bharat)

राजस्थान में भी बेची जाती है धान की पराली : डीडीए कृषि विभाग ने कहा कि जिला नूंह में लगभग 13,000 हेक्टेयर भूमि में धान की फसल होती है. नूंह जिले में धान का जो रकबा है, यहां पूरे क्षेत्र में हाथ से कटाई की जाती है. किसान हाथ से कटाई के बाद उन अवशेषों को अपने पशुओं को चारे के रूप में इस्तेमाल करते हैं. यहां आस-पास के इलाके से राजस्थान तक के पशुपालक धान की पराली को खरीद कर ले जाते हैं.

यहां पराली मुनाफे का सौदा : कुल मिलाकर सर्दी का मौसम शुरू होते ही एनसीआर एक तरह से गैस का चेंबर का रूप धारण कर लेता है और यही कारण है कि प्रदूषण की वजह से लोगों का दम घुटने लगता है. लेकिन हरियाणा के नूंह जिले में इसी पराली को किसान जलाने के बजाय पशु चारे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. हरियाणा का यह अनोखा जिला है, जहां पराली सिरदर्द नहीं बल्कि मुनाफे का सौदा साबित हो रही है.

इसे भी पढ़ें :करनाल में नहीं रुक रहे पराली जलाने के मामले, पिंगली और हेमदा गांव की जलती पराली की तस्वीरें आई सामने

ABOUT THE AUTHOR

...view details