देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक हुई है. बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद्र अग्रवाल, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, गणेश जोशी मौजूद हैं. बैठक में तमाम महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है.
उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 12 फरवरी को मंत्रिमंडल की बैठक शुरू हो गई है. ये कैबिनेट बैठक कई मायने में बेहद खास मानी जा रही है. आगामी विधानसभा बजट सत्र के मद्देनजर तमाम नीति और संशोधित नियमावली पर इस मंत्रिमंडल में मुहर लगा सकती है. इसके साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट आकार पर भी चर्चा होने के साथ उसके स्वरूप पर मुहर लग सकती है.
संशोधित भू कानून पर लग सकती है मुहर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में चल रही कैबिनेट बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इसमें तमाम विभागों की नियमावलियों पर कैबिनेट की मुहर लगने के साथ ही संशोधित भू कानून पर भी मंत्रिमंडल मुहर लगा सकती है. दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल ही आगामी विधानसभा बजट सत्र के दौरान सख्त भू- कानून लाने की बात कही थी. जिस दिशा में गठित समिति ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. संभावना जताई जा रही है कि आज 12 फरवरी को शुरू हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधित भू कानून प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है.
बजट का आकार तय हो सकता है: आगामी विधानसभा बजट सत्र की तिथियों और जगह का ऐलान पहले ही हो चुका है, लेकिन बजट का आकार क्या होगा, ये निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में ही फाइनल किया जाएगा. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान आगामी वित्तीय वर्ष 2025- 26 के बजट के आकार पर भी चर्चा के साथ ही मुहर लगने की संभावना है. इसके साथ ही चीनी मिलों के 123 सीजनल मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने संबंधित प्रस्ताव, उत्तराखंड ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2025, परिवहन विभाग की रोड सेफ्टी पॉलिसी, शिक्षा विभाग में बीआरपी-सीआरपी के साथ ही चतुर्थ श्रेणी के 4100 पदों पर भर्ती संबंधित प्रस्ताव, प्रदेश के सभी नगर निकायों में एक समान टैक्स प्रणाली किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है.
ये प्रस्ताव भी पास हो सकते हैं: इसके साथ ही उत्तराखंड के पुराने बाजारों को नए सिरे से विकसित करने के लिए री-डेवलपमेंट नीति संबंधित प्रस्ताव, उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर्स अगले दो साल तक दूसरे राज्यों में नौकरी नहीं कर सकेंगे, इससे संबंधित प्रस्ताव भी कैबिनेट में पास हो सकता है. एकल महिलाओं के लिए "मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना" का प्रस्ताव, स्वास्थ्य सेवाओं की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल का गठन करने संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है.
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