रायपुर: विष्णु देव साय कैबिनेट की बुधवार को बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया कि अब प्रदेश में शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी. मंत्रालय के महानदी भवन में हुई बैठक में कैबिनेट के सभी सदस्य मौजूद रहे. बैठक में 2024 और 25 के बजट को लेकर भी चर्चा की गई. बैठक के दौरान कैबिनेट के सदस्यों के साथ सीएम ने बजट के प्रारुप का अनुमोदन भी किया. साथ ही कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय संसोधन विधायक 2024 के प्रारुप का भी अनुमोदन बैठक में किया गया. संशोधन में जिला न्यायाधीश‘ को प्रधान जिला न्यायाधीश और अपर जिला न्यायाधीश को जिला न्यायाधीश करने का प्रावधान रखा गया है. व्यवहार न्यायाधीश प्रथम वर्ग‘ को व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी और व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय वर्ग को व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी साथ ही जिला न्यायालय को प्रधान जिला न्यायालय से प्रतिस्थापित करने का प्रावधान रखा गया है.
छत्तीसगढ़ में अब नहीं खुलेगी कोई नई शराब की दुकान, साय कैबिनेट का बड़ा फैसला
विष्णु देव साय कैबिनेट की बुधवार को अहम बैठक हुई. बैठक में ये फैसला लिया गया कि अब प्रदेश में कोई भी नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी.
नहीं खुलेगी कोई नई शराब की दुकान
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jan 24, 2024, 10:51 PM IST
बैठक में हुए अहम फैसले
- छत्तीसगढ़ के षष्ठम् विधानसभा के द्वितीय सत्र फरवरी-मार्च 2024 हेतु माननीय राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का अनुमोदन किया गया.
- तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2023-2024 का विधानसभा में उपस्थापन हेतु छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया.
- बजट अनुमान वर्ष 2024-25 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया.
- छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2024-25 का अनुमोदन किया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी नई मदिरा दुकान नहीं खोली जाएगी.
- छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है.
शराब बंदी का चुनाव के दौरान उठा था मुद्दा: विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शराब बंदी का मुद्दा भी उठा था. बीजेपी ने नेताओं ने मुद्दा उठाया था कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में शराब बंदी की बात कही थी लेकिन शराब बंदी नहीं की. बीजेपी के नेता ये लगातार प्रचार के दौरान कह रहे थे कि हाथ में गंगाजल लेकर शराब बंदी की बात करने वाले नेता अब चुप क्यों हैं.