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गुरु पूर्णिमा का महत्व और पूजन विधि, जानिए इस दिन किस देव की करें पूजा - Guru Purnima 2024

Guru Purnima 2024 साल में एक दिन लोग अपने गुरुओं को याद करते हैं. इस दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. कई जगहों पर इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.आईए जानते हैं गुरु पूर्णिमा में कैसे आप अपने गुरुओं की आराधना कर सकते हैं.

Importance and worship method of Guru Purnima 2024
गुरु पूर्णिमा का महत्व और पूजन विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 18, 2024, 7:50 AM IST

Updated : Jul 21, 2024, 8:45 AM IST

रायपुर : साल 2024 में 21 जुलाई रविवार के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. जिसे आषाढ़ पूर्णिमा भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. इस दिन से अपने गुरुओं की पूजा करके उन्हें यथाशक्ति दान भी देते हैं.

गुरु पूर्णिमा का महत्व और पूजन विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)

व्यास पूर्णिमा के नाम से भी है मशहूर :ऐसी मान्यता है कि आज के दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. इस कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. महर्षि वेदव्यास ने पहली बार मानवजाति को चार वेदों का ज्ञान प्रदान किया था, जिसके कारण उन्हें प्रथम गुरु की उपाधि प्रदान की गई है. पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है. ऐसे में इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना करना बहुत ही शुभ माना गया है.


कैसे करें पूर्णिमा में गुरु की पूजा ?:महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि "आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा इस साल 21 जुलाई रविवार के दिन मनाई जाएगी. यह पर्व भारत भूमि ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह दिन गुरुओं के लिए खास माना गया है. पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की पूजा आराधना कर उनके बताएं हुए रास्तों का अनुसरण करना चाहिए, जो लोग गुरु परंपरा को मानने वाले होते हैं, ऐसे लोग आज के दिन अपने गुरु की पूजा आराधना करने के साथ ही यथा योग्य दान दक्षिणा भी देते हैं. आज ही के दिन भगवान वेदव्यास का जन्म हुआ था."

''आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई 2024 को शाम 5:59 से शुरू होगी और 21 जुलाई 2024 को दोपहर 3:40 तक रहेगी. ऐसे में आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा उदया तिथि के मुताबिक 21 जुलाई 2024 रविवार के दिन मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान दान करना अति उत्तम माना गया है. इस दिन स्नान और दान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:01 से लेकर 10:44 तक रहेगा. वहीं दूसरा मुहूर्त 10:44 से दोपहर 12:27 तक रहेगा. इसके बाद दोपहर 2:09 से लेकर दोपहर 3:52 तक रहेगा.''- पंडित मनोज शुक्ला,महामाया मंदिर

गुरु पूर्णिमा में कैसे करें पूजा ?:भारतीय सभ्यता में गुरु को विशेष स्थान प्राप्त है. गुरु व्यक्ति को सही रास्ता दिखाते कहते हैं कि गुरु की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सफलता हाथ लगती है. गुरु पूर्णिमा या आषाढ़ पूर्णिमा के इस पावन दिन में सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करनी चाहिए. भगवान विष्णु को भोग लगाए. गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जी की पूजा अर्चना करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस दिन अपने-अपने गुरुओं का ध्यान करें. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन चंद्रमा को अर्ध्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है.

नोट: यहां प्रकाशित सारी बातें ज्योतिष द्वारा कही गई बातें है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

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Last Updated : Jul 21, 2024, 8:45 AM IST

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