पटनाःबिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की स्थानांतरण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस कार्रवाई से शिक्षकों के बीच दो तरह के हालात हो गए हैं. शिक्षकों के बीच इसका असर देखने को मिल रहा है. जो नियोजित शिक्षक हैं और दूर पदस्थापन नहीं चाहते हैं वे काफी खुश हैं लेकिन बीपीएससी से बहाल शिक्षक की उम्मीदें टूट गई है.
बीपीएससी शिक्षकों की मांगः बिहार युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने इसको लेकर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत बीपीएससी से नियुक्त करीब 2 लाख शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी स्थगित होने से बड़ा झटका लगा है. खासकर महिला शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी ने बड़ी राहत दी थी.
"शिक्षक अपने घर से 200-300 किलोमीटर दूर पदस्थापित शिक्षकों को यह उम्मीद थी की नई ट्रांसफर पॉलिसी आने के बाद उन सब का ट्रांसफर अपने घर के नजदीक हो सकेगा. ट्रांसफर पॉलिसी आने से पूरे परिवार में खुशी थी कि अब वे नौकरी घर के इर्द गिर्द कर सकेंगे. लेकिन इसे रद्द होने के बाद शिक्षक नाराज हैं."-दीपांकर गौरव
बीपीएससी शिक्षकों का ट्रांसफर की मांगःदीपांकर गौरव ने कहा कि शिक्षा विभाग के ट्रांसफर पॉलिसी स्थगित करने के बाद बीपीएससी शिक्षकों में मायूसी छा गई है. उन्होंने कहा कि ई-शिक्षाकोष के माध्यम से 1.30 लाख से अधिक शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन दे दिया है. उनका ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए. वह सरकार से मांग करते हैं कि जो बीपीएससी शिक्षक स्थानांतरण के लिए आवेदन किए हैं, सरकार उनका स्थानांतरण करे. अन्यथा नाराज शिक्षक आंदोलन भी कर सकते हैं.
नियोजित शिक्षकों में खुशी: सक्षमता उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक स्थानांतरण नीति स्थगित होने से काफी खुश है. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नितेश कुमार ने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि यह ट्रांसफर नीति और व्यावहारिक था जिससे शिक्षक संतुष्ट नहीं थे.