कानपुर:अक्सर ही सुनने को मिलता है, जब कोई लाइनमैन खंभे पर चढ़कर फाल्ट ठीक कर रहा होता है तो कंफ्यूजन के चलते अचानक ही सबस्टेशन से बिजली सप्लाई चालू कर दी जाती है. जिससे लाइनमैन या तो झुलस जाता है या उसकी मौत हो जाती थी.
इस पूरी प्रक्रिया में बिजली विभाग के आला अफसर दोषी कर्मियों पर कार्रवाई जरूर करते थे. लेकिन ऊर्जा मंत्रालय को जब अपने कर्मचारियों की जान की फिक्र हुई तो उन्होंने आईआईटी कानपुर में विशेषज्ञों से संपर्क कर किसी डिवाइस की मदद से इस समस्या का समाधान पूछा. विशेषज्ञों ने लगभग एक साल तक शोध कार्य करते हुए (स्विच गार्ड) ब्रेकर गार्ड नाम से डिवाइस तैयार कर दी है. जिसकी मदद से लाइनमैन की जान बच जाएगी. कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लिमिटेड (केस्को) की ओर से न्यू आरपीएच सबस्टेशन पर इसका एक माह तक ट्रायल किया गया, जिसमें पूरी तरह से सफलता मिल गई. केस्को एमडी सैमुअल पॉल का कहना है, बहुत जल्द अब यह डिवाइस कानपुर के सभी सबस्टेशनों के अलावा सूबे के सभी शहरों तक पहुंच जाएगी.
आईआईटी कानपुर शोधार्थी मनीष और केस्को एमडी सैमुअल पाल ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat) कैसे काम करती है ब्रेकर गार्ड डिवाइस: आईआईटी कानपुर के शोधार्थी मनीष ने बताया कि अभी तक जब कोई कर्मी फाल्ट ठीक कर रहा होता था तो सबस्टेशन पर उसके साथ संवाद केवल मोबाइल से ही संभव हो पाता था. कभी-कभार कर्मी फाल्ट ठीक भी नहीं कर पाता था और सबस्टेशन से शटडाउन आन कर दिया जाता था. जिससे कर्मचारी की मौत भी हो जाती है. लेकिन अब सबस्टेशन में शटडाउन पैनल में ब्रेकर गार्ड डिवाइस को लगा दिया जाएगा. मनीष ने बताया कि डिवाइस लगने के बाद एक हैंडल लॉक सिस्टम व एलईडी लाइट सक्रिय हो जाएगी. जैसे ही कर्मी खंभे पर चढ़ेगा, वैसे ही डिवाइस में शटडाउन लिया जाएगा. तब हैंडल लॉक हो जाएगा और डिवाइस में लाल बत्ती जल जाएगी. कर्मी के पास जाएगा ओटीपी तब लाइन चालूः मनीष ने बताया कि जैसे ही कर्मी फाल्ट ठीक करके नीचे आ जाएगा और इसकी सूचना सबस्टेशन पर देगा तो डिवाइस पर एक बटन क्लिक करना होगा. बटन दबाते ही कर्मी के मोबाइल पर (यह मोबाइल नंबर स्विच गार्ड डिवाइस पर मैप्ड होगा) एक ओटीपी पहुंचेगा. ओटीपी को फिल करने के बाद कर्मी फाल्ट वाले स्थल से वापस सबस्टेशन आएगा, तब डिवाइस का हैंडल अनलॉक और फिर सप्लाई चालू हो जाएगी, उस समय डिवाइस में भी ग्रीन कलर की लाइट जलेगी.
गर्मी और बारिश में सबसे अधिक होते हादसे: केस्को के एमडी सैमुअल पाल ने बताया कि गर्मी और बारिश के मौसम में सबसे अधिक हादसे लाइनमैन से जुड़े होते हैं. गर्मी और बारिश के मौसम में ही फाल्टों की संख्या भी बहुत अधिक होती है. हालांकि अब डिवाइस के उपयोग करने से हादसों पर जहां बहुत हद तक अंकुश लगेगा, वहीं कर्मी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे.
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