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HRTC की ओर से कंडक्टर्स को किया जाएगा सम्मानित, अधिक से अधिक काटने पड़ेंगे ऑनलाइन टिकट - HRTC honor conductors - HRTC HONOR CONDUCTORS

HRTC online tickets: हिमाचल पथ परिवहन निगम बसों में ई-टिकटिंग को बढ़ावा दे रहा है. इसके लिए परिवहन निगम द्वारा कंडक्टरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. डिटेल में पढ़ें खबर...

HRTC online tickets
HRTC बसों में ई-टिकटिंग (कॉन्सेप्ट इमेज)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 4:48 PM IST

पंकज चड्डा, डीएम, हिमाचल पथ परिवहन निगम धर्मशाला (ETV Bharat)

कांगड़ा: हिमाचल पथ परिवहन निगम में शुरू की गई ई-टिकटिंग मशीनों के जरिये जो बस कंडक्टर यात्रियों से जितना ज्यादा ऑनलाइन टिकट काटेगा उसे एचआरटीसी प्रबंध निदेशक द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

यह जानकारी एचआरटीसी के डीएम पंकज चड्ढा ने दी. हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में अब ई-टिकटिंग मशीन के जरिये यात्रियों की टिकट काटी जा रही है जिसके चलते अब यात्री ऑनलाइन टिकट के पैसों का भुगतान कर सकेंगे.

इसके लिए निगम प्रबंधक की ओर से नई योजना बनाई गई है. योजना के तहत बस कंडक्टरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो कंडक्टर यात्रियों से किराये के लिए अधिक से अधिक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवाएंगे उन्हें हर तीन महीने में शिमला में सम्मानित किया जाएगा.

डीएम पंकज चड्डा ने कहा कि एक क्वाटर में 3 कंडक्टर्स को सम्मानित किया जा चुका है और अब अगले क्वाटर में जो कंडक्टर अच्छा कार्य करेंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा. डीएम ने कहा कि ई-टिकटिंग मशीनों के जरिये यात्री यूपीआई के अलावा गूगल पे, पेटीएम, फोन-पे या भीम एप से किराये का भुगतान कर सकेंगे.

एचआरटीसी के खाते में पैसा आते ही मशीन टिकट बनाकर देगी. यात्री के बैंक खाते से पैसा सीधे एचआरटीसी के खाते में जमा होगा. इससे खुले पैसों की समस्या भी हल हो जाएगी. नई ई-टिकटिंग मशीन में किराये के भुगतान के तीन विकल्प मौजूद होंगे. यात्री क्यूआर कोड स्कैनिंग, एटीएम कार्ड स्वैपिंग या नकदी देकर किराये का भुगतान कर सकेंगे.

निगम की वोल्वो बसों, इलेक्ट्रिक बसों, सुपर फास्ट बसों और साधारण श्रेणी की बसों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. जानकारी के मुताबिक साल 2010 में एचआरटीसी ने बसों में यात्रियों को मैनुअल टिकट जारी करने के स्थान पर टिकटिंग मशीनों का प्रयोग शुरू किया था.

पंकज चड्डा, डीएम, हिमाचल पथ परिवहन निगम धर्मशाला ने बताया"मौजूदा समय में निगम के कंडक्टर करीब 13 साल पुरानी मशीनें इस्तेमाल कर रहे हैं जिसके चलते कंडक्टर रूट से लौटने के बाद कैश काउंटर पर पैसा जमा करते थे और इसके बाद पैसा बैंक में जमा होता है. अब टिकट जारी होते ही पैसा सीधे निगम के बैंक खाते में जमा हो जाएगा. निगम की बसों में सफर करने वाले यात्रियों की मॉनिटरिंग भी सीधे मुख्यालय से हो सकेगी."

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