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रांची पुलिस के लिए कैसा रहा साल 2024, जानिए कितनी हुई हत्याएं, कितने ब्लाइंड केस किए गए सॉल्व - 2024 FOR RANCHI POLICE

रांची पुलिस के लिए 2024 का साल कैसा रहा. इन्होंने कितनी चुनौतियों का सामना किया और किन केसों को सॉल्व किया जानिए इस रिपोर्ट में.

2024 FOR RANCHI POLICE
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 31, 2024, 4:38 PM IST

रांची: 2024 का साल रांची पुलिस के उपलब्धियों भरा रहा है. कुछ मामलों को छोड़ दे तो रांची पुलिस ने हर तरह की चुनौती का सामना किया और आधा दर्जन के करीब ब्लाइंड केस को भी सॉल्व किया, जिसमे सब इंस्पेक्टर अनुपम मर्डर केस भी शामिल रहा है.

रांची एसएसपी का बयान (ईटीवी भारत)

लोकसभा और विधानसभा चुनाव पहली बार शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ

रांची एसएसपी चन्दन कुमार सिन्हा ने नेतृत्व में रांची पुलिस ने इसी वर्ष हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया. न लोकसभा चुनाव और न ही विधानसभा में किसी भी तरह कोई हिंसा हुई. राजधानी के नक्सल इलाकों में तो जबरदस्त वोटिंग प्रतिशत रहा. वहीं, पुलिस ने कुख्यात अपराधियों, नक्सलियों और नशे के तस्करों पर भी न सिर्फ शिकंजा कसा बल्कि उन्हें पकड़कर सलाखों के पीछे भी भेजा. अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए दर्जनों को जिला बदर और थाना हाजिरी की कार्रवाई की गई. रांची पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि विभिन्न मामलों में इस साल कुल करीब 2800 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इसमें अपराधियों के अलावा नशे के तस्कर और दो दर्जन भर नक्सली शामिल हैं.

जांच करने पहुंची रांची पुलिस (ईटीवी भारत)



8 हजार से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए

रांची पुलिस से मिले आकड़ों के अनुसार जिलेभर में जनवरी से 15 दिसम्बर 2024 तक में हत्या, दुष्कर्म, चोरी, छेड़खानी समेत अन्य कांडों में आठ हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं. इस वर्ष रांची पुलिस ने दुष्कर्म मामले के 90 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. वहीं पोक्सो एक्ट के 93 आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा. इसके अलावा छेड़खानी मामले में 41 को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (2024 FOR RANCHI POLICE)

नशे के 210 तस्करों को भी पुलिस ने किया गिरफ्तार

रांची पुलिस नशा की खरीद बिक्री करने और नशीली पदार्थ सप्लाई करने वालों को लगातार रडार पर रखा. साल 2024 में पुलिस ने 210 नशे के तस्करों को गिरफ्तार किया. वहीं ब्राउन शुगर की सप्लाई करने वाले मुख्य तस्कर पिंटू साव को बिहार के सासाराम से पकड़कर रांची भी लाया. कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय के नेतृत्व में चलाए गए अभियान के दौरान कोतवाली, सुखदेवनगर, पंडरा, हिंदपीढ़ी और डेली मार्केट इलाके से करीब 100 तस्करों को पकड़ा गया.

चुनाव के दौरान फिल्ड में रांची एसएसपी (ईटीवी भारत)



1.17 करोड़ का जब्त हुआ ब्राउन शुगर

रांची पुलिस सालभर में तस्करों के पास से कुल 583 ग्राम ब्राउन शुगर जब्त किया है, जिसका बाजार मूल्य 1.17 करोड़ रुपए है. इसके अलावा 20 ग्राम हिरोइन, 712 किलोग्राम गांजा, 16.50 किलोग्राम अफीम, 17810 किलोग्राम डोडा समेत अन्य नशीली पदार्थ को जब्त किया है. इस मामले में पुलिस 210 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. वहीं, पुलिस की टीम ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए भी लगातार अभियान चला रही है. पुलिस अफसरों का कहना है कि राजधानी में नशे के तस्करों पर कार्रवाई के लिए आने वाले साल में बड़ा अभियान चलाया जाएगा, ताकि राजधानी में नशीली पदार्थ नहीं पहुंच सके. इसके लिए पुलिस की ओर से पूरी प्लानिंग की जा रही है.

रांची एसएसपी (ईटीवी भारत)



नक्सलियों के खिलाफ भी मिली सफलता

रांची पुलिस के द्वारा नक्सलियों और उनके स्प्लिंटर ग्रुप के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई. चार उग्रवादियों ने रांची पुलिस के सामने हथियार भी डाले. अगर प्रमुख नक्सली और उग्रवादियों की गिरफ्तारी की बात करें तो उनमें भाकपा माओवादी के एनेम पूर्ती, पीएलएफआई के सूरज महतो उर्फ सूरज, तैयब अंसारी, शमशाद अंसारी, विजय बक्सी उर्फ रोहित बड़ाईक उर्फ राहुल नीरज उर्फ छोटू, अनमोल बड़ाईक, रोहित सिंह, काली टोप्पो, रंजन गोप उर्फ रंजन महतो, टीएसपीसी के हरिनाथ गंझू उर्फ बहुरा, सोनेलाल महतो उर्फ छन्नू, प्रमोद कुमार बैठा, दिलेश्वर कुमार गंझू, रूबीलाल गंझू, बादल गंझू, प्रिंस जायसवाल, नीरज भोक्ता उर्फ नीरज गंझू अजीत सोरेन, आकाश लोहरा, प्रकाश गंझू, राहुल कुमार, मोनू कुमार, नीरज उरांव उर्फ निरंजन उरांव, पंकज कुमार उर्फ लंबू और बरला उरांव उर्फ सुमित बारला शामिल है.वहीं टीएसपीसी के चार उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण भी किया.

हत्या की वारदात ज्यादा हुई

हालांकि राजधानी में पुलिस सबसे ज्यादा हत्या की वारदातों को लेकर परेशान रही. रांची पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से अक्टूबर 2024 तक शहर के विभिन्न इलाकों में कुल 120 हत्याएं हुई है. जनवरी में 10, फरवरी में 17, मार्च और अप्रैल में 11-11, मई में 22, जून में 10, जुलाई में 13, अगस्त में दस, सितंबर में 11 और अक्टूबर में पांच हत्याएं हुई हैं. इन मामलों में पुलिस ने अधिकतर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. हत्या के आंकड़ों में अधिकांश वैसे मामले शामिल थे जिसमें परिचित लोगों के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया.

ब्लाइंड केस को भी पुलिस ने किया सॉल्व

रांची पुलिस ने कांके के संग्रामपुर में स्पेशल ब्रांच के दरोगा अनुपम कच्छप, सुखदेवनगर थाना क्षेत्र में अधिवक्ता गोपी कृष्ण की हत्या के अलावा दुर्गा पूजा के दौरान लोहरा कोचा के युवक रोहित की पीट पीटकर की गई हत्या और ओरमांझी रेप केस चारो ही मामले पुलिस के लिए ब्लाइंड थे. इन मामलों में पुलिस को न तो घटना का सीसीटीवी फुटेज मिला था और न ही कोई अन्य सुराग. पुलिस की टीम एक-एक पहलुओं की जांच की. कुछ ही महीनों में पुलिस ने सभी हत्याकांडों का न सिर्फ खुलासा किया, बल्कि अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे भी भेज दिया.

क्या कहते हैं एसएसपी

रांची के सीनियर एसपी चन्दन कुमार सिन्हा ने बताया कि राजधानी में क्राइम कंट्रोल के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. अपराधियों को सिर्फ जेल ही नहीं भेजा जा रहा है, बल्कि उन पर सीसीए, जिला बदर और थाना हाजिरी जैसी कार्रवाई की गई है आने वाले साल में अपराध और नशीली पदार्थ के तस्करों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जाएगा ताकि तस्करों को पकड़कर जेल भेजने के साथ उन्हें सजा भी दिलाई जा सके. पूरे साल राजधानी की पुलिस ने अच्छा काम किया है बेहतरीन तरीके से दो चुनाव संपन्न करवाया, ब्लाइंड केस को सॉल्व किया. इसके अलावा सबसे ज्यादा ड्रग्स को लेकर कार्रवाई की गई.

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