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तेज गर्मी और हीट वेव से पौधों को कैसे रखें सुरक्षित, जानिए कृषि वैज्ञानिक से - How to keep plants safe from heat

प्रदेश के लोग लू के थपेड़ों से परेशान हैं. गर्मी अपने चरम पर है. 2 जून तक नौतपा का रहेगा तबतक धरती बेतहाशा तपती रहेगी. गर्मी का असर सिर्फ सिर्फ इंसानों पर नहीं बल्कि पेड़ पौधों पर भी पड़ रहा है.

How to keep plants safe from heat
कृषि वैज्ञानिक से जानिए टिप्स (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 30, 2024, 6:51 PM IST

रायपुर: देश भर में लोग गर्मी और लू के थपेड़ों से परेशान हैं. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार गर्मी का कहर बढ़ता जा रहा है. मौसम विभाग ने तो 31 मई को प्रचंड गर्मी और लू के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है. गर्मी का असर सिर्फ इंसानों और जीवों पर नहीं बल्कि पेड़ पौधों पर भी पड़ रहा है. किसान तपती धूप और हीट वेव से कैसे अपने पौधों को बचाएं इसके टिप्स कृषि विभाग से जुड़े वैज्ञानिक दे रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक तेज गर्मी और लू के कारण पेड़ पौधों को नुकसान होने के साथ ही मिट्टी में नमी की मात्रा भी कम हो जाती हैं. जिसका सीधा असर पेड़ पौधों पर पड़ता है.

कृषि वैज्ञानिक से जानिए टिप्स (ETV Bharat)

गर्मी से पेड़ पौधों को भी बचाना है जरूरी: रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने बताया कि "ग्रीष्म काल का जो समय होता है, जिसमें खासतौर पर नौतपा जो की 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक इसका असर रहेगा. इस दौरान धूप की किरणें सीधी धरती पर पड़ती है. नौतपा के दौरान लू भी चलती है. ऐसे में पेड़ पौधों को बचाना बेहद जरूरी होता है. जून के प्रथम सप्ताह में पेड़ पौधों को बचाना बहुत ही क्रिटिकल अवस्था होती है. तेज गर्मी के कारण पौधे और मिट्टी में नमी की मात्रा कम होने लगती है. लू और तेज धूप की वजह से पौधे खराब होने के साथ ही मरने की अवस्था में आ जाते हैं. नवीन फल उद्यान लगाने वाले किसान ट्री गार्ड का उपयोग जरूर करते हैं, इसके साथ ही शेड नेट भी जरूरी है. जिससे किसान अपने पौधों को लू और तपती धूप से बचा सकते हैं. इसके साथ ही उद्यान लगाने वाले किसान दूसरे उपाय के रूप में अपने पौधे को बचाने के लिए पैरा या घास फूस से भी ढक सकते हैं. ऐसा करने से सूर्य की सीधी किरणें पौधे पर नहीं पड़ती हैं".



''गर्मी के दिनों में फल उद्यान या दूसरे उद्यान लगाने वाले किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी प्रतिदिन शाम 4:00 के बाद पौधों में डालना चाहिए. जिन पौधों में पानी डाला गया है उसे पैरा या घास फूस से ढक देते हैं तो मिट्टी में नमी बनी रहती है. इसके साथ ही रिवर स्टोन जो नदी में पत्थर पाए जाते हैं उन पत्थरों से भी ढककर रखा जा सकता है. ऐसा करने से मिट्टी में नमी की मात्रा लंबे समय तक बनी रहती है. ऐसा करने से पौधे सुरक्षित और नमी की मात्रा बराबर बनी रहती है''. - डॉ घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर


किसानों ने के लिए कृषि वैज्ञानिक की टिप्स: गर्मी के दिनों में सब्जी और फूलों के लिए संरक्षित बागवानी के अंदर ली जाने वाली सब्जियों के लिए ह्यूमिडिटी को बढ़ाकर एग्जॉस्ट फैन चलाकर फसलों को सुरक्षित रखा जा सकता है. लेकिन खुले वातावरण में जैसे नार वर्गीय या फिर अन्य सब्जियां लगी हुई हैं, उसके लिए जो सप्ताह में दो या तीन दिन पानी देते हैं लेकिन गर्मी के दिनों में प्रतिदिन शाम 4:00 के बाद टपक सिंचाई के माध्यम से पानी जरूर देना चाहिए. ऐसा करने से काफी हद तक फसलों को सुरक्षित और बचाया जा सकता है. इसके साथ ही किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में जब भी कोई बागवानी करते हैं तो लू चलने वाली हवा को रोकने के लिए विंड ब्रेक लगाना आवश्यक है. इस सिस्टम से फल और सब्जियां दोनों सुरक्षित रहती हैं.

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