क्या मशरूम भी है जानलेवा, जहरीला मशरूम कैसे पता लगाएं, लाल, हरा, नीला पीला मशरूम कितना सेफ - Poisonous Mushroom - POISONOUS MUSHROOM
Poisonous Mushrooms, Colorful mushrooms हाई प्रोटीन मशरूम लोगों को काफी पसंद आता है. आज की सोसायटी में मशरूम बड़े ही चाव से खाया जाता है. लेकिन क्या आपको मालूम है मशरूम जान भी ले सकता है. कई ऐसे मशरूम होते हैं जो जहरीले होते हैं और इन्हें खाने के बाद पहले डायरिया शुरू होता है और समय पर इलाज नहीं मिलने से मौत भी हो जाती है. इसलिए मशरूम खाते समय कुछ सावधानियां जरूर बरतें.
सरगुजा:जंगली सब्जियां खाने से डायरिया और फिर डायरिया से मौत के मामले छत्तीसगढ़ के सरगुजा, बस्तर, कोरबा में सामने आते हैं. बीते दिनों ही सरगुजा में एक 13 साल की बच्ची की मौत जंगली सब्जी खाने से हो गई थी. परिवार के सात लोग डायरिया से पीड़ित थे. मानसून के सीजन में जंगली मशरूम खाने के बाद इस तरह के मामले ज्यादा सामने आते हैं. मशरूम के बारे में जानने के लिए ETV भारत ने सरगुजा के बायोटेक साइंटिस्ट से बात की. इनका नाम डॉक्टर प्रशांत है जो मशरूम प्रजातियों पर शोध कर रहे हैं. जंगलों में मिलने वाले मशरूम की कौन सी प्रजाति खाने लायक है और कौन सी प्रजाति मौत का कारण बन सकती है.
मशरूम की ये प्रजातियां जहरीली: मशरूम प्रजातियों पर शोध करने वाले बायोटेक साइंटिस्ट डॉ. प्रशांत बताते हैं "सरगुजा में मुख्य रूप से 28 प्रकार के प्राकृतिक या जंगली मशरूम पाये जाते हैं. इनमे 4 प्रजातियों को नहीं खाना चाहिये. इनको खाने से डायरिया और मौत जैसी स्थिति बन सकती है. सरगुजा में पाये जाने वाले मशरूम की 28 प्रजातियों में से लकड़ी खुखड़ी, बिलाई खुखड़ी, गंजिहा खुखड़ी और पिवरी खुखड़ी को नहीं खाना चाहिये."
मशरूम जानलेवा भी होता है, जानिए कौन सा मशरूम नहीं खाना चाहिए (ETV BHARAT)
मानसून में बच्चों और बुजुर्गों को मशरूम देने से बचें: डॉ. प्रशांत कहते हैं " जहरीला मशरूम में टॉक्सिक एलिमेंट या एल्केलाइट होते हैं जिनको खाने से डायरिया होता है. समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाने के कारण मौत का कारण बनता है. इसके अलावा भी जो सामान्य मशरूम की प्रजातियां हैं उनका भी ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिये. खासकर छोटे बच्चे जिनकी उम्र 10 वर्ष से कम है या 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग हैं उनको भी मानसून में हाई प्रोटीन डाइट मशरूम का सेवन नहीं करना चाहिये, क्योंकि ये हाई प्रोटीन डाइट है इसमे 42 से 48 प्रतित तक प्रोटीन होता है और इसलिए इनको खाने से बच्चों और बुजुर्गों का पेट खराब हो सकता है."
पिवरी खुखड़ी या मशरूम (ETV Bharat Chhattisgarh)
लकड़ी खुखड़ी (ETV Bharat Chhattisgarh)
कलरफुल मशरूम से बनाएं दूरी:डॉ. प्रशांत बताते हैं " ऐसे प्राकृतिक मशरूम जो चटक रंग के हो, जैसे लाल, हरा, नीला पीला हो ऐसे मशरूम को नहीं खाना चाहिये. क्योंकि ये रंग उसके एल्केलाइट के प्रतिशत को बताते हैं और प्रारंभिक रूप से ये उसमे टॉक्सिक एलिमेंट को बताते हैं. जब भी कोई मशरूम खाएं तो उसे सूंघकर जरूर देखें. उसमे तीखी गंध अमोनिया की आती है. मशरूम खाने से पहले ये भी देख लें की उसमे कोई वाटर ड्रॉप या लसलसा पदार्थ तो नहीं है. उसमे से पानी ज्यादा तो नहीं निकल रहा है अगर ऐसा है तो ये उसमे टॉक्सिक एलिमेंट या एल्केलाइट के कारण होता है जो हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है."