मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

कितने मालदार हैं मध्य प्रदेश के IAS, IPS? 31 जनवरी को उठेगा पर्दा - MP GOVT OFFICERS PROPERTY DETAILS

मध्य प्रदेश के तमाम अधिकारियों कर्मचारियों को देना होगा अपनी पूरी संपत्ति का ब्यौरा, सिर्फ 10 दिन का समय शेष.

MP GOVT OFFICERS PROPERTY DETAILS
अधिकारियों से कर्मचारियों तक सभी देंगे प्रॉपर्टी का ब्यौरा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 22, 2025, 2:51 PM IST

Updated : Jan 22, 2025, 3:40 PM IST

भोपाल : मध्यप्रदेश में पदस्थ सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों को प्रॉपर्टी की डिटेल देने के लिए अब सिर्फ 10 दिन बाकी बचे हैं. अधिकारियों के अलावा प्रदेश के तमाम कर्मचारियों को भी 31 जनवरी तक अपनी तमाम अचल संपत्ति का लेखा जोखा सरकार के सामने प्रस्तुत करना होगा. इस संबंध में डीओपीटी यानी केन्द्रीय कार्मिक प्रशिक्षण विभाग ने आदेश जारी किए हैं. उधर प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग आदेश जारी कर चुका है. समय सीमा में अचल संपत्ति की जानकारी न देने वाले अधिकारी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

अधिकारियों से कर्मचारियों तक सभी दें प्रॉपर्टी का ब्यौरा

मध्यप्रदेश में 459 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, इसमें से 382 अधिकारी मध्यप्रदेश में काम कर रहे हैं. इसी तरह प्रदेश में 319 भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं, इसमें से 271 आईपीएस अधिकारी मध्यप्रदेश में काम कर रहे हैं. वहीं भारतीय वन सेवा के मध्यप्रदेश कैडर के कुल 296 अधिकारी हैं, जिसमें से 215 प्रदेश में पदस्थ हैं. इन तमाम अधिकारियों के अलावा मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों में पदस्थ साढ़े 7 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी 31 जनवरी तक निर्धारित प्रोफार्मा में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे दें.

31 जनवरी को होगा खुलासा (Etv Bharat)

6 बिंदुओं पर मांगी गई प्रॉपर्टी की जानकारी

शासन के आदेश के मुताबिक अधिकारियों-कर्मचारियों को 6 बिंदुओं पर जानकारी देनी होगी. इसमें सबसे पहले बताना होगा कि अचल संपत्ति कहां पर स्थित है? इसमें जिला, तहसील, खसरा, वार्ड नंबर बताना होगा. इसके बाद प्रॉपर्टी की डिटेल बतानी होगी. इसके बाद जब अचल संपत्ति खरीदी गई तब उसका मूल्य और वर्तमान कीमत की जानकारी देनी होगी. इतना ही नहीं अचल संपत्ति किसके नाम से है?, प्रॉपर्टी कहां से खरीदी गई और उस प्रॉपर्टी से सालाना कितनी आय प्राप्त हो रही है, इसका भी रिमार्क देना होगा.

पता चलेगा, कौन है कितना मालदार

संपत्ति की जानकारी देने के लिए 31 जनवरी की डेडलाइन तय की गई है. इस समय सीमा में अचल संपत्ति की जानकारी न देने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा दी गई जानकारी संबंधित विभाग के वेबसाइट पर सार्वजनिक करने का भी नियम है. अचल संपत्ति की जानकारी से पता चलेगा कि प्रदेश के कौन-कौन से अधिकारी कितने अमीर हैं और कितने अधिकारियों ने मध्यप्रदेश के बाहर भी अचल संपत्ति खरीदी है.

कई अधिकारी-कर्मचारी नहीं देते पूरी जानकारी

यह भी देखने में आया है कि कई कर्मचारी अधिकारी सरकार को अपनी अचल संपत्ति की जानकारी तो देते हैं, लेकिन कई संपत्तियों की जानकारियों को छुपा भी लेते हैं. पिछले सालों में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद सामने आया है कि संबंधित कर्मचारी अधिकारियां ने पूरी संपत्ति सरकार के सामने घोषित ही नहीं की थी. उधर कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा दी जाने वाली अचल संपत्ति को संबंधित विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाने का नियम है. इस संबंध में कई बार आदेश भी दिए जा चुके हैं.रिटायर्ड डीजी अरूण गुर्ट कहते हैं,'' अधिकारी कर्मचारियों से हर साल संपत्ति का ब्यौरा मांगा जाता है, लेकिन सरकार को जानकारी छुपाने वालों पर भी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए.''

यह भी पढ़ें-

Last Updated : Jan 22, 2025, 3:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details