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होली के मौके पर मिठाई खरीदने वाले कैसे करें असली और मिलावटी की पहचान, जानिए एक्सपर्ट की राय! - Identify real and adulterated sweet

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 23, 2024, 7:40 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 7:47 PM IST

Identify real and adulterated sweets. होली के त्योहार में लोग जमकर मिठाई खाते और खिलाते हैं. यही वजह है कि इस वक्त मिलवटखोर काफी एक्टिव हो जाते हैं. उनपर लगाम लगाने के लिए झारखंड स्टेट फूड लैबोरेट्री भी पूरी तरह से तैयार है और उसके अधिकारी लगातार छापेमारी कर रहे हैं. उन्होंने आम लोगों को ये भी बताया कि कैसे मिलावटी मिठाइयों की पहचान हो सकती है.

IDENTIFY REAL AND ADULTERATED SWEET
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स्टेट फूड लैबोरेट्री के पदाधिकारी चतुर्भुज मीणा का बयान

रांची:होली के करीब आते ही मिठाई की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. मिठाई की अत्यधिक बिक्री को देखते हुए नकली मिठाइयों का कारोबार करने वालों पर भी प्रशासन की पैनी नजर है. विभिन्न मिष्ठान भंडारों में जिला प्रशासन की तरफ से लगातार निरीक्षण किए जा रहा है.

रांची के जिला अनुमंडल दंडाधिकारी के द्वारा टीम का गठन कर पिछले तीन दिनों से लगातार छापेमारी की जा रही है. खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी की नेतृत्व में और संबंधित थाना क्षेत्र के सहयोग से रांची के सभी बड़े होटल, रेस्टोरेंट और मिठाई दुकान में निरीक्षण कर सैंपलों का कलेक्शन किया जा रहा है.

टीम के द्वारा दुकानों में अचानक निरीक्षण कर मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब में सैंपलों की जांच की जाती है. यदि किसी भी सैंपल में मिलावट देखने को मिलता है तो तुरंत ही उन दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाता है. पिछले तीन दिनों में किए गए निरीक्षण के दौरान 168 फूड सैंपलों की जांच की गयी है, तो वहीं करीब 13 प्रतिष्ठानों को नोटिस भी जारी किया गया है.

रांची के एसडीओ उत्कर्ष कुमार ने बताया कि होली के दौरान लोगों को स्वच्छ खाद्य पदार्थ मिले इसके लिए जिला प्रशासन सदैव तत्पर है. इसीलिए होली के दौरान लोगों तक स्वच्छ और शुद्ध मिठाई पहुंचे इसको लेकर जिला प्रशासन लगातार अभियान चलाकर दुकानों में निगरानी बनाकर रखी हुई है.

वहीं, झारखंड स्टेट फूड लैबोरेट्री के पदाधिकारी चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि होली के दौरान कई बड़ी दुकानदार मिठाइयों में मिलावट कर बेचते हैं. ऐसे में ग्राहकों को यह ख्याल रखना है कि वह दुकान में जाकर दुकानदार से मिठाई बनाने की पद्धति पूछे. इसी के साथ मिठाई को हाथ में लेकर और सूंघ कर देखें कि कहीं उसमें शुद्ध घी की जगह वनस्पती या फिर अन्य पदार्थ तो नहीं मिलाए गए हैं.

चतुर्भुज मीणा उन्होंने कहा कि मिठाइयों में कई बार रंग भी मिलाया जाता है. रंग की क्वालिटी काफी खराब होती है. यदि उपभोक्ताओं को लगता है कि दुकानदार गलत तरीके से मिठाई बनाकर लोगों के बीच में बेच रहा है तो आम लोग झारखंड स्टेट फूड लैबोरेट्री में जाकर उस खाद्य पदार्थ की जांच कर सकते हैं.

जिला प्रशासन की तरफ से अब तक रांची के डंगराटोली के पास एचओडी कैफे, फ्लेम्स कैफे, पेपरी रेस्टोरेंट, क्विकबाइट रेस्टोरेंट, चिकन प्लाजा रेस्टोरेंट, सेकंड वाइफ होटल, अमरीक होटल, बरियातू के गुप्ता भोजनालय, आशीर्वाद भोजनालय, कांके के ग्रेट इंडियन कैफे, ला पिनोज पिज़्ज़ा, कुप्पुस्वामी और मुंडा होटल को नोटिस भेज कर चेतावनी दी गई है कि अगर उनके द्वारा बनाए गए भोजन में कोई भी मिलावटी खाद्य पदार्थ पाए जाएंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि फूड सेफ्टी अधिनियम के तहत मिठाई या फिर खाद्य पदार्थों में मिलावटी करने वाले पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है और जेल भी जाने का प्रावधान है.

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Last Updated : Mar 23, 2024, 7:47 PM IST

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