पटना: बिहार में अप्रैल माह से शुरू हुई भीषण गर्मी अभी और बढ़ने वाली है. लेकिन प्रदेश में अभी से ही नदियां सूखने लगी है. अभी तक कुल 60 नदियों में पानी नहीं है. अधिकांश जलस्यों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. जिन नदियों में पानी है वहां भी जलस्तर काफी नीचे चला गया है.
किसी भी जलाशय में 50 प्रतिशत पानी नहीं: दरअसल, जल संसाधन विभाग के अनुसार राज्य के किसी भी जलाशय में 50 प्रतिशत पानी नहीं है. केवल कैमूर के दुर्गावती जलाशय में 47 फीसदी पानी है. इसके अलावा बांका, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय और जमुई में जलाशयों की स्थिति सबसे खराब है. इन इलाकों के किसानों और पशुपालकों की मुश्किलें बढ़ गई है.
23 में से 5 जलाशय सूख गए: जल संसाधन विभाग के रिपोर्ट के अनुसार अब तक बिहार में 23 जलाशयों में से 5 सूख गए हैं और 16 जलाशयों में 10 प्रतिशत से कम पानी है. वहीं, 60 से अधिक नदियों में पानी नहीं है. अन्य नदियों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. पहाड़ी इलाकों के नलकूप की स्थिति भी सही नहीं है.
यह प्रमुख नदियां शामिल: वहीं, बिहार की जिन नदियों में पानी नहीं है उनमें अधवारा , खिरोई , झरही, अपर बदुआ, बरंडी , पश्चिम कनकई, चिरायण, पंडई , सिकरहना, फरियानी, परमान, दाहा, गंडकी,पुना, पुनपुन, बनास, मरहा, पंचाने, धोबा, चिरैया, मुहाने, नोनाई, भूतही, लोकाइन, चंदन, चीर, गेरुआ, धर्मावती, हरोहर, मुहानी, सियारी, माही, थोमान, अवसाने, पैमार, बरनार, अपर किउल, दरघा,कररुआ, सकरी, तिलैया , मोरहर, जमुने, नून, कारीकोसी, बटाने, किउल , बलान, लखन देई, खलखलिया, काव , कर्मनाशा, कुदरा,सुअवरा, दुर्गावती, कमलाधार, तीस भंवरी, जीवछ, बाया, डोर , कुंभरी सासी, धनायन, अदरी, केशहर, मदाड़, झिकरीया, सुखनर, स्याही बलदइया, बैती, चंद्रभागा, छोटी बागमती, खुरी, फल्गु, कंचन, छाड़ी, सोन, धनखड जैसी नदियां प्रमुख रूप से शामिल है.
गाद के कारण नहीं हो पा रहा पानी स्टोर: इनमें से अधिकांश नदियां वैसी है जो बरसात के दिनों में उफान पर रहती हैं. इन नदियों में गाद के कारण पानी स्टोर नहीं हो पता है. गाद होने के कारण बरसात के दिनों में बड़ी जल्दी उफ़ान पर भी आ जाती हैं. बिहार सरकार की ओर से नदी जोड़ योजना पर भी काम हो रहा है. लेकिन उसमें जमीन पर बहुत ज्यादा बात आगे नहीं बढ़ी है. गाद को लेकर भी बिहार सरकार की ओर से केंद्र सरकार से भी गाद पॉलिसी बनाने की मांग हो रही है. साथ ही बिहार में उस पर कुछ नदियों में काम भी हुआ है.