सरगुजा : छत्तीसगढ़ में महिला आयोग ने एक अजीबो गरीब मामले में संज्ञान लिया है. आयोग से एक परिवार ने अपने बच्चे की कस्टडी के लिए गुहार लगाई थी.बच्चे का जन्म 23 साल पहले हुआ था. कुछ साल पहले बच्चे की संदेहास्पद मौत भी हो चुकी है. लेकिन परिवार जानना चाहता है कि बच्चा किसका था.परिवार बच्चे के मरने से पहले इस बात की संतुष्टि चाहते थे कि जो बच्चा किसी और के पास पल रहा है,वो उनका है या नहीं.
महिला आयोग करवाएगा DNA टेस्ट :बच्चा बदलने के आरोप मामले में महिला आयोग से दंपती ने शिकायत की.जिसमें दंपती 23 साल से अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे.इस मामले का दुखद पहलू ये है कि जिस बच्चे को वो अपना बता रहे थे,जवान होने के बाद उसकी कुछ माह पहले ही मौत हुई है. लेकिन दंपती मृत युवक के अवशेषों की जांच करवाकर ये साबित करना चाहता है कि बच्चा उनका ही था. इस मार्मिक शिकायत को सुनकर महिला आयोग का दिल भी पसीज गया. आयोग ने अपने नियम के परे जाकर इस मामले में सुनवाई की.महिला आयोग ने इस मामले में कलेक्टर और एसपी को मृत बच्चे के अवशेष का डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा है.
अस्पताल पर बच्चा बदलने का आरोप : ये पूरा मामला जशपुर जिले के दुलदुला इलाके का है. यहां के चमरू राम का आरोप है कि साल 2000 में उनकी पत्नी को प्रसव के लिए जशपुर के हॉलीक्रास अस्पताल में दाखिल कराया गया था. तब पड़ोस के गांव के ही एक और महिला को भी प्रसव के लिए दाखिल कराया गया था. प्रसव के बाद दंपती को बताया गया कि इन्हें बेटा पैदा हुआ है.लेकिन बाद में दंपती को एक मृत लड़की दे दी गई.तभी से दंपती को शक था कि परिवार ने उनके बच्चे को बदल दिया है.