जानकारी देते वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक ज्योति कुमार सिंह (Video Credit- ETV Bharat) वाराणसी: बनारस के स्वाद और बनारस की चीजों का हर कोई दीवाना है. बनारस की साड़ी, बनारस का पान, बनारस की मिठाई और बनारस का लंगड़ा आम इसकी डिमांड सात समंदर पार में भी होती है. बनारस के लंगड़ा आम की तेजी से बढ़ रही डिमांड की वजह से अब विदेशों में भी इसकी जबरदस्त डिमांड देखने को मिल रही है. खास तौर पर गल्फ देशों में बनारसी लंगड़ा आम हर सीजन में अरब के तमाम हिस्सों में भेजा जाता है. वहां के बड़े मॉल में भी बनारसी लंगड़ा आम बिकता है.
इसके अलावा यूरोप और अन्य देशों में भी इसकी डिमांड बढ़ रही है. इसकी वजह से बनारसी लंगड़ा आम की खपत ज्यादा है, लेकिन पैदावार कम है. इसे बढ़ाने के लिए नए आम के बगीचे बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. मानसून का यह मौसम आम की बागवानी के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. यही वजह है कि वाराणसी में उद्यान विभाग, बनारस के नए हिस्सों में आम की बागवानी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए किसानों को तैयार करके नए आम के बगीचे बनाने की प्लानिंग की जा रही है.
पूर्वांचल में लंगड़ा आम की मांग तेजी से बढ़ रही है. (Photo Credit- ETV Bharat) वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक ज्योति कुमार सिंह का कहना है कि बनारस सहित पूर्वांचल में लंगड़ा आम की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि जब किसी चीज की ब्रांडिंग होती है तो उसका असर उसकी खपत पर पड़ता है. अब बनारसी लंगड़ा आम को ज्योग्राफिकल टैगिंग के जरिए आईडेंटिफाई किया जा चुका है. जीआई टैग मिलने के बाद बनारसी लंगड़ा आम की डिमांड सिर्फ बनारस या आसपास नहीं बल्कि पूरे देश और विदेशों से भी आ रही है.
बनारस में वर्तमान समय में लगभग 900 हेक्टेयर में बनारसी लंगड़ा आम सहित अन्य आम की प्रजातियां पैदा की जाती है, लेकिन इस बार विभाग ने डिमांड बढ़ने की वजह से इसमें लगभग 15 से 20% का इजाफा करने की प्लानिंग की है. इसके लिए 1200 मदर प्लांट तैयार किया जा चुके हैं, जो किसानों को पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर सस्ती दर पर उपलब्ध करवाए जाएंगे. वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक का कहना है कि किसानों से लगातार बातचीत की जा रही है कि वह लंगड़ा आम की बागवानी पर जोर दें.
उन्होंने कहा कि बनारस में लंगड़ा आम की पैदावार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. किसान इस पर ध्यान दें इसके लिए हम सरकार से बात करके उन्हें अनुदान भी दिलवाएंगे, ताकि उचित बागवानी के तरीकों के साथ उन्हें भी आसानी से इस और खींचा जा सके. ज्योति कुमार सिंह का कहना है कि इस बार जो आम के बगीचे लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी. वह आने वाले कुछ सालों में अच्छे नतीजे देगी, जिसकी वजह से जो आम की पैदावार है. उसमें बढ़ोतरी होगी और बनारसी लंगड़ा आम की खपत और उसकी डिमांड दोनों को हम पूरा कर सकेंगे.
ज्योति कुमार सिंह का कहना है कि वर्तमान समय में जिस तरह से पूर्वांचल के अलग-अलग हिस्सों से हमें किसानों के साथ मिलकर काम करना पड़ता है. हमारा पूरा प्रयास है कि बनारस के सेव पुरी कपसेठी हरहुआ समेत अन्य हिस्सों में हम आम के नए बगीचे बड़े स्तर पर बनाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए कई किसानों से बातचीत भी हो गई है और किसानों को हम मदर प्लांट उपलब्ध करवा रहे हैं. हमारा प्रयास है कि जिस तरह से बनारसी लंगड़ा आम की डिमांड हर तरफ से आ रही है उसे तरह यहां के किसान इस और ज्यादा ध्यान दें. दूसरी प्रजातियों के आम की पैदावार से बेहतर बनारस में इस प्रजाति की ही पैदावार हो तो किसानों को भी मुनाफा होगा और इसकी कमी नहीं होगी.
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