कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते साल हुई आपदा से जहां सड़कों को खासा नुकसान हुआ था. वहीं, पर्यटन कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ था, लेकिन इस साल प्रकृति ने प्रदेश का साथ दिया और साल 2024 में लाखों की संख्या में सैलानी जिला कुल्लू पहुंचे. जनवरी से लेकर 31 मई तक जिला कुल्लू में 14 लाख 94 हजार से अधिक सैलानी पहुंचे और जिले के विभिन्न इलाके सैलानियों से गुलजार रहे. ऐसे में यहां पर सभी होटल सैलानियों से पैक रहे. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सैलानियों की आवाजाही अब बढ़ गई है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहा होमस्टे का प्रचलन
ग्रामीण क्षेत्रों में सैलानियों को बेहतर सुविधा देने में होमस्टे अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. जिला कुल्लू में सैलानियों को होटल, गेस्ट हाउस के अलावा पर्यटन विभाग के द्वारा होमस्टे की सुविधा भी दी जा रही है. पर्यटन नगरी मनाली, बंजार, मणिकर्ण, सैंज घाटी में इन होम स्टे की संख्या अधिक है. होमस्टे में जहां सैलानियों को प्राकृतिक सुंदरता को निहारने का मौका मिलता है. वहीं, पहाड़ी व्यंजन भी उनकी आवभगत में परोसे जाते हैं. ऐसे में जिला कुल्लू में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने में होमस्टे अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसके अलावा होमस्टे में ठहरने वाले सैलानियों को स्थानीय पहाड़ों पर ट्रैकिंग और झरनों में भी खूब मस्ती करने का मौका मिल रहा है.
कुल्लू जिले में 1040 होमस्टे रजिस्टर
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विभाग के पास 4289 होमस्टे पंजीकृत हैं. जिनमें 17,222 कमरे और 26,727 बिस्तर हैं. कुल्लू जिले में सबसे अधिक 1,040 होमस्टे हैं. इसके बाद शिमला में 805 और लाहौल-स्पीति में 718 होमस्टे पंजीकृत हैं.